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This Article is From May 13, 2012

सांसदों ने देश निर्माण में भूमिका अदा की : मनमोहन

नई दिल्ली: भारतीय संसद के 60 साल होने पर रविवार को संसद के दोनों सदनों मे विशेष सत्र आयोजित किया गया। आज पहली लोकसभा के सदस्य रिशाग कीशिग, रेशम लाल जागिड़ और केएस तिलक को सम्मानित किया गया।

राज्यसभा में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और लोकसभा में वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी बहस ने बहस शुरूआत की। लोकसभा और राज्यसभा के पहले सत्र की शुरूआत 13 मई 1952 को हुई थी।

भारतीय संसद के 60 साल पूरे होने पर परिचर्चा की शुरूआज आज राज्यसभा में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की। इस मौके पर पूरे देशवासियों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें 21 साल तक राज्यसभा का सदस्य होने का गर्व है। साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 60 साल में संसद में बने कानून से लोगों को फायदा हुआ और देश के सांसदों ने देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जिसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने संसद की गरिमा को बनाए रखने की भी वकालत की।

लोकसभा में वित्तमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि संसद ने देश पर आए हर सकंट का समझदारी और सूझबूझ से सामना किया। प्रणब मुखर्जी ने माना कि कायर्पालिका और न्यायपालिका के बीच मतभेद होते हैं लेकिन इसका भी सौहार्दपूर्ण हल निकाल लिया जाता है। वित्त मंत्री ने कहा कि संसद चर्चा करने के लिए है और यहां हंगामे के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने इस मौके पर कहा कि उन्हें देश के लोकतंत्र पर गर्व है। आज के खास दिन उन्होंने महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि उनका कद एक महामानव का है। भारतीय संसद की तारीफ करते हुए आडवाणी ने कहा कि अगर हम विपरीत विचारघारा के प्रति आदर का भाव रखेंगे तो बहस और विवेक से ही समस्या का हल निकल जाएगा। आडवाणी ने देश के लिए पिछले साठ साल में लोकतंत्र की मजबूती की सबसे बड़ी सफलता बताया।

यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संसद में अपने भाषण में कहा कि साल दर साल संसद मज़बूत हुआ है। उन्होंने देश के आम आदमी को लोकतंत्र की आत्मा बताया। इस दौरान सोनिया गांधी संसद पर हुए आतंकी हमले का ज़िक्र किया और संसद के सभी कमर्चारियों का आभार भी जताया। सोनिया ने कहा कि धमर्निरपेक्षता और सामाजिक न्याय संसद की कामयाबी है और जनता की ताकत सबसे बड़ी ताकत है।

राज्यसभा में नेता विपक्ष अरुण जेटली ने इस मौके को जश्न के साथ खुद के अंदर झांकने का वक्त बताया। जेटली ने इस मौके पर सभी को बधाई दी और कहा कि संसद पर देश की ज़िम्मेदारी है। उन्होंने ने आतंकवाद का भी मुद्दा उठाया और कहा कि देश में सामने ये बड़ी चुनौती है जिससे हमें निपटना होगा।

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