यह ख़बर 15 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

77 में से 35 केन्द्रीय मंत्री प्रधानमंत्री को संपत्ति का ब्योरा देने में रहे विफल

नई दिल्ली:

संपत्ति और देनदारियों की घोषणा करने की समयसीमा बीत जाने के एक माह बाद भी 77 केन्द्रीय मंत्रियों में से 35 इस संबंध में अपने वार्षिक ब्यौरे प्रधानमंत्री को पेश करने में विफल रहे हैं।

संपत्ति और देनदारियां घोषित करने की समय सीमा 31 अगस्त को समाप्त हो गई थी। लेकिन आज तक 32 में से 18 कैबिनेट मंत्रियों, 12 में सात स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्रियों तथा 33 में से 17 राज्यमंत्रियों ने ही अपने ब्योरे पेश किए हैं।

अपने ब्योरे पेश नहीं कर पाने वाले मंत्रियों में स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद, नागर विमानन मंत्री अजित सिंह, कानून मंत्री कपिल सिब्बल, कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल, मानव संसाधन विकास मंत्री एमएम पल्लम राजू और जल संसाधन मंत्री हरीश रावत शामिल हैं।

जिन राज्य मंत्रियों ने निर्धारित समयसीमा के भीतर अपने ब्यौरे पेश नहीं किए हैं उनमें मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री शशि थरूर, गृहराज्य मंत्री आरपीएन सिंह, वाणिज्य राज्यमंत्री डी पुरंदेश्वरी, ग्रामीण विकास मंत्री प्रदीप जैन एवं रेल राज्यमंत्री अधीर रंजन चौधरी शामिल हैं।

अभी तक अपना ब्योरा घोषित करने वाले कैबिनेट मंत्रियों में एके एंटनी, शरद पवार, सुशील कुमार शिंदे, पी चिदंबरम, एम वीरप्पा मोइली, मल्लिकाजरुन खड़गे, आस्कर फर्नांडिस एवं सलमान खुर्शीद शामिल हैं।

केन्द्र एवं राज्य स्तर पर मंत्रियों के लिए आचार संहिता के अनुसार सभी मंत्रियों को अपने और अपने परिवार के सदस्यों की संपत्ति और देनदारियां एवं व्यावसायिक हितों को प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री (जो भी लागू होता हो) को सौंपना होता है।

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प्रत्येक वर्ष कैबिनेट सचिव केन्द्रीय मंत्रियों को लिखकर आदर्श आचार संहिता के तहत उनके ब्योरे पेश करने की 31 अगस्त की समयसीमा के बारे में उन्हें याद दिलाता है। इनके ब्योरे प्रधानमंत्री की आधिकारिक बेवसाइट पर डाले जाते हैं।