26/11 हमले की बरसी (26/11 Mumbai attack) पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने ट्वीट किया है कि मुंबई 26/11 आतंकी हमलों में जान गंवाने वालों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देता हूं और उन सभी सुरक्षाकर्मियों के साहस को सलाम करता हूं, जिन्होंने कायरतापूर्ण हमलों में आतंकवादियों का डटकर सामना किया. पूरे देश को आपकी वीरता पर गर्व रहेगा. कृतज्ञ राष्ट्र सदैव आपके बलिदान का ऋणी रहेगा.
मुंबई 26/11 आतंकी हमलों में जान गंवाने वालों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देता हूँ और उन सभी सुरक्षाकर्मियों के साहस को सलाम करता हूं, जिन्होंने कायरतापूर्ण हमलों में आतंकवादियों का डटकर सामना किया। पूरे देश को आपकी वीरता पर गर्व रहेगा। कृतज्ञ राष्ट्र सदैव आपके बलिदान का ऋणी रहेगा। pic.twitter.com/rgW2xsoXVj
— Amit Shah (@AmitShah) November 26, 2021
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इसे लेकर ट्वीट भी किया है. उन्होंने लिखा है कि सीमा पर कठिन मौसम में परिवार से दूर रहकर देश की रक्षा करता है. आतंकवादी हमले में अपनी जान की बाज़ी लगाकर मासूमों को बचाता है. जान की नहीं, जहान की फ़िक्र करता है. परिवार की, गांव की, देश की शान है- ऐसा मेरे देश का जवान है. 26/11 #MumbaiTerrorAttack के वीरों को नमन. जय हिंद!
सीमा पर कठिन मौसम में परिवार से दूर रहकर देश की रक्षा करता है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 26, 2021
आतंकवादी हमले में अपनी जान की बाज़ी लगाकर मासूमों को बचाता है।
जान की नहीं, जहान की फ़िक्र करता है।
परिवार की, गाँव की, देश की शान है- ऐसा मेरे देश का जवान है।
26/11 #MumbaiTerrorAttack के वीरों को नमन।
जय हिंद! pic.twitter.com/fFVQTGjMmx
केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी ताज होटल की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'कभी नहीं भूलेंगे.' और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी ट्वीट कर लिखा है कि मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमले में शहीद सभी को विनम्र श्रद्धांजलि और इस हमले का डटकर सामना करने वाले वीर सुरक्षाकर्मियों को नमन.
Never forget. pic.twitter.com/xXAVV5pT9h
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 26, 2021
बता दें कि कुछ दिन पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने अपनी नई पुस्तक में साल 2008 के मुंबई आतंकी हमले पर जवाबी प्रतिक्रिया को लेकर तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि कई बार संयम कमजोरी की निशानी होती है और भारत को उस समय कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी. तिवारी ने ट्विटर पर अपनी इस पुस्तक के कुछ अंश साझा किए थे. उन्होंने लिखा था कि अगर किसी देश (पाकिस्तान) को निर्दोष लोगों के कत्लेआम का कोई खेद नहीं है तो संयम ताकत की पहचान नहीं है, बल्कि कमजोरी की निशानी है। ऐसे मौके आते हैं जब शब्दों से ज्यादा कार्रवाई दिखनी चाहिए। 26/11 एक ऐसा ही मौका था.
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