ग्वालपाड़ा (असम):
असम में स्थानीय चुनाव का विरोध कर रहे जनजातीय गुटों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प में कुल 19 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से 13 की मौत पुलिस फायरिंग में हुई। इस बीच, राज्य के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने फायरिंग में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है।
राजधानी गुवाहाटी से 120 किलोमीटर दूर ग्वालपाड़ा में पुलिस ने पंचायत चुनावों का विरोध कर रहे राभा जनजाति के लोगों पर उस वक्त फायरिंग की, जब ये लोग गांवों में आगजनी करने लगे और सरकारी अधिकारियों पर भी हमला बोल दिया। पुलिस ने कहा कि उपद्रवियों ने सीआरपीएफ के एक जवान पर भी चाकू से वार किया और जवानों से हथियारें छीनने की कोशिश कीं। छह लोगों की मौत गुटों के आपसी संघर्ष में हुई।
वारदात के बाद कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए सेना को स्थानीय पुलिस की मदद के लिए तैनात कर दिया गया है। राज्य के गृहसचिव ने जानकारी दी कि जिला प्रशासन के आग्रह पर सेना के करीब 500 जवानों को तैनात किया गया है और दो इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। राभा जनजाति इस इलाके में स्वायत्तता की मांग कर रहा है और सरकारी नियंत्रण को खारिज करता रहा है।
राजधानी गुवाहाटी से 120 किलोमीटर दूर ग्वालपाड़ा में पुलिस ने पंचायत चुनावों का विरोध कर रहे राभा जनजाति के लोगों पर उस वक्त फायरिंग की, जब ये लोग गांवों में आगजनी करने लगे और सरकारी अधिकारियों पर भी हमला बोल दिया। पुलिस ने कहा कि उपद्रवियों ने सीआरपीएफ के एक जवान पर भी चाकू से वार किया और जवानों से हथियारें छीनने की कोशिश कीं। छह लोगों की मौत गुटों के आपसी संघर्ष में हुई।
वारदात के बाद कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए सेना को स्थानीय पुलिस की मदद के लिए तैनात कर दिया गया है। राज्य के गृहसचिव ने जानकारी दी कि जिला प्रशासन के आग्रह पर सेना के करीब 500 जवानों को तैनात किया गया है और दो इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। राभा जनजाति इस इलाके में स्वायत्तता की मांग कर रहा है और सरकारी नियंत्रण को खारिज करता रहा है।
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