मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान... (फाइल फोटो)
भोपाल:
मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने नारेबाजी करने के लिए 16 अतिथि शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है. ये शिक्षक अपने नियमितीकरण के लिए राज्य सरकार से मांग कर रहे थे.
इन शिक्षकों ने 12 अप्रैल को मुख्यमंत्री चौहान के सामने दमोह में उस वक्त नारेबाजी कर हंगामा मचाया था, जब वह अंत्योदय मेले के दौरान गरीब हितग्राहियों को अंत्योदय योजना के तहत लाभ वितरण कर रहे थे. दमोह, भोपाल से लगभग 250 किलोमीटर दूर है.
दमोह के जिला शिक्षा अधिकारी पीपी सिंह ने बताया, 'इस विरोध-प्रदर्शन में कम से कम 22 अतिथि शिक्षकों ने भाग लिया था और मुख्यमंत्री के समक्ष अंत्योदय मेले के दौरान नारेबाजी की थी'.
उन्होंने कहा, 'इनमें से 16 अतिथि शिक्षकों की अब तक पहचान की जा चुकी है और संभागीय आयुक्त के दिशा-निर्देश पर संबंधित स्कूल के प्राचार्य ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया है. इन सभी को 13 अप्रैल को ही नौकरी से हटाने का नोटिस जारी कर दिया गया था.' सिंह ने बताया, 'इस विरोध-प्रदर्शन में शामिल छह और अतिथि शिक्षकों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है. जल्द ही उनकी पहचान कर ली जाएगी.' अंत्योदय मेले के दौरान की गई इस नारेबाजी से चौहान काफी गुस्से में थे.
मुख्यमंत्री ने नारेबाजी कर रहे इन लोगों को यह कहकर चुप रहने के लिए भी कहा था, 'यदि आप इस अंत्योदय मेले को इस तरह बाधित करोगे, तो आपकी मांग कभी नहीं मानी जाएंगी. आप कभी सफल नहीं होंगे. आप हमेशा के लिए अतिथि शिक्षक रहोगे और इससे ज्यादा कुछ नहीं बन सकोगे.' मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षकों को संविदा शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए प्राचार्य द्वारा नियुक्त किया जाता है. इन शिक्षकों को 100 रुपये से 150 रुपये प्रति क्लास के हिसाब से राशि दी जाती है.
इन शिक्षकों ने 12 अप्रैल को मुख्यमंत्री चौहान के सामने दमोह में उस वक्त नारेबाजी कर हंगामा मचाया था, जब वह अंत्योदय मेले के दौरान गरीब हितग्राहियों को अंत्योदय योजना के तहत लाभ वितरण कर रहे थे. दमोह, भोपाल से लगभग 250 किलोमीटर दूर है.
दमोह के जिला शिक्षा अधिकारी पीपी सिंह ने बताया, 'इस विरोध-प्रदर्शन में कम से कम 22 अतिथि शिक्षकों ने भाग लिया था और मुख्यमंत्री के समक्ष अंत्योदय मेले के दौरान नारेबाजी की थी'.
उन्होंने कहा, 'इनमें से 16 अतिथि शिक्षकों की अब तक पहचान की जा चुकी है और संभागीय आयुक्त के दिशा-निर्देश पर संबंधित स्कूल के प्राचार्य ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया है. इन सभी को 13 अप्रैल को ही नौकरी से हटाने का नोटिस जारी कर दिया गया था.' सिंह ने बताया, 'इस विरोध-प्रदर्शन में शामिल छह और अतिथि शिक्षकों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है. जल्द ही उनकी पहचान कर ली जाएगी.' अंत्योदय मेले के दौरान की गई इस नारेबाजी से चौहान काफी गुस्से में थे.
मुख्यमंत्री ने नारेबाजी कर रहे इन लोगों को यह कहकर चुप रहने के लिए भी कहा था, 'यदि आप इस अंत्योदय मेले को इस तरह बाधित करोगे, तो आपकी मांग कभी नहीं मानी जाएंगी. आप कभी सफल नहीं होंगे. आप हमेशा के लिए अतिथि शिक्षक रहोगे और इससे ज्यादा कुछ नहीं बन सकोगे.' मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षकों को संविदा शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए प्राचार्य द्वारा नियुक्त किया जाता है. इन शिक्षकों को 100 रुपये से 150 रुपये प्रति क्लास के हिसाब से राशि दी जाती है.
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