Covid-19 Critical Patients के इलाज में इस्तेमाल हो रही हैं ये दवाएं! इस दवा का उपयोग हुआ बंद

31 मई को जारी क्लीनिकल प्रबंधन दिशानिर्देश में गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में रखे जाने की जरूरत वाले कोविड-19 (COVID-19 Patients) रोगियों पर एजीथ्रोमाइसिन (Azithromycin) के साथ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) ​के उपयोग का सुझाव दिया गया था.

Covid-19 Critical Patients के इलाज में इस्तेमाल हो रही हैं ये दवाएं! इस दवा का उपयोग हुआ बंद

कोविड-19 (COVID-19) के गंभीर रोगियों पर रेमडेसीवीर, टोसीलीजुमैब के सीमित उपयोग पर किया जा रहा है विचार

नयी दिल्ली: जल्द ही जारी होने वाले संशोधित क्लीनिकल प्रबंधन दिशानिर्देशों के मुताबिक कोविड-19 (COVID-19) से गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों पर ‘‘आपात स्थिति (Emergency) एवं सहानुभूति के अधार पर'' एंटी-वायरल दवा (Antiviral Medicine) ‘रेमडेसीवीर' (Antiviral Medicine Remdesivir) और ‘टोसीलीजुमैब' (Tocilizumab) के सीमित उपयोग पर विचार किया जा रहा है. इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बहुचर्चित मलेरिया रोधी दवा ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' (Hydroxychloroquine) का उपयोग जारी रखा जाएगा, जबकि ‘एजीथ्रोमाइसिन' (Azithromycin) को उपचार प्रक्रिया से हटाया जा सकता है.

गौरतलब है कि 31 मई को जारी क्लीनिकल प्रबंधन दिशानिर्देश में गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में रखे जाने की जरूरत वाले कोविड-19 (COVID-19 Patients) रोगियों पर एजीथ्रोमाइसिन (Azithromycin) के साथ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) के उपयोग का सुझाव दिया गया था.

एक सूत्र ने कहा, ‘‘क्योंकि कोविड-19 एक नया रोग है और इसके लिये अभी तक कोई दवा या टीका नहीं है, ऐसे में उपचार प्रक्रिया की उभरती स्थितियों के आधार पर समय-समय पर समीक्षा की जा रही है.'' सूत्र ने कहा कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करने वाली दवा टोसीलीजुमैब का उपयोग प्रयोगिक आधार पर किया जाएगा. साक्ष्य के आधार पर कुछ और दवाइयां ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' के साथ में उपयोग की जा सकती है, लेकिन इस बारे में अभी कोई आम सहमति नहीं बनी है.

कोविड-19 पर राष्ट्रीय कार्य बल के विशेषज्ञ कोविड-19 के लिये नये क्लीनिकल प्रबंधन दिशानिर्देश को अंतिम रूप दे रहे हैं, जिसने रविवार को अपनी बैठक की थी. भारत के औषधि नियामक ने पिछले सप्ताह अमेरिकी औषधि कंपनी गिलीड साइंसेज को अपनी दवा रेमडेसीवीर को देश में अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों पर ‘आपात स्थिति में सीमित उपयोग' के लिये विपणन अधिकार प्रदान कर दिये.

आपात स्थिति और कोरोना वायरस महामारी के फैलने को लेकर दवाइयों की अत्यधिक जरूरत को ध्यान में रखते हुए रेमडेसीवीर की मंजूरी प्रक्रिया तेज की गई.

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एक सूत्र ने कहा, ‘‘इंजेक्शन के रूप में रोगी को दी जाने वाली इस दवा को सिर्फ अस्पताल या संस्थागत स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में उपयोग के लिये विशेषज्ञों की सलाह पर खुदरा बिक्री की मंजूरी दी गई है.'' भारत अभी यह रेमडेसीवीर नहीं बनाता है.
चार कंपनियों- हेटेरो, जुबलिएंट साइंसेज, सिप्ला और मायलन एन वी, के साथ गिलीड साइंसेज इंक ने गैर-विशेष लाइसेंसिंग समझौता किया है. हालांकि, इसे अभी भारतीय औषधि महानित्रंक (डीसीजीआई) से अनुमति नहीं मिली है. अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने अस्पताल में भर्ती एवं गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिये रेमडेसीवीर के आपात स्थिति उपयोग की इजाजत दी है. (भाषा)



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)