हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) में दक्षिणी हरियाणा के अहिरवाल बेल्ट के दो दिग्गज नेताओं के बेटा और बेटी चुनाव लड़ रहे हैं. राव इंद्रजीत सिंह की शूटर बेटी जहां अटेली विधानसभा सीट से पहली बार सियासी मैदान में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं तो वहीं रेवाड़ी से कैप्टन अजय यादव के बेटे और लालू प्रसाद यादव के दामाद चिरंजीव राव कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. हालांकि बड़ा सवाल है कि क्या दिग्गज नेताओं के बेटे-बेटियों की सियासी राह आसान है? रेवाड़ी से रवीश रंजन शुक्ला की ग्राउंड रिपोर्ट.
इस इलाके में इनके परिवार के सियासी दबदबे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अटेली से वर्तमान बीजेपी विधायक सीता राम यादव का टिकट काटकर आरती राव को टिकट दिया गया है. अब सीताराम यादव आरती सिंह के लिए वोट मांग रहे हैं. सीताराम यादव चुनाव प्रचार के दौरान कहते हैं कि आपने मुझे पांच साल सेवा करने का मौका दिया और मुझसे कोई भूल चूक रही गई हो तो माफ करना, जो काम छूट गए होंगे. उनको अब बहनजी (आरती राव) पूरा करेंगी.
आरती राव शूटिंग में एशियन चैंपियन
आरती राव ने 20 साल तक निशानेबाजी की है. शूटिंग में एशियन चैंपियन रही हैं, लेकिन अब सियासी मैदान में विरोधियों पर निशाना साध रही हैं. आरती राव खुद ने कहा कि विरोधी मुझे बाहरी कहते हैं, क्योंकि उनके पास कोई मुद्दा नहीं है.
बेटी आरती राव जब चुनाव लड़ रही हैं तो पिता राव इंद्रजीत सिंह ने भी रेवाड़ी में डेरा डाल रखा है. केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि पहली बार उसे बीजेपी से टिकट दिया गया है, लेकिन वो सियासत में नई नहीं है. पहले दूसरों के लिए वोट मांग रही थी और अब अपने लिए मांग रही है.
डिप्टी सीएम पद पर क्या बोले चिरंजीव?
अटेली से करीब 40 किमी दूर राव इंद्रजीत सिंह के धुर विरोधी कांग्रेस के दिग्गज नेता कैप्टन अजय सिंह के बेटे चिरंजीव राव दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर रेवाड़ी विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं. लॉ ग्रेजुएट चिरंजीव राव के पिता कांग्रेसी हैं और ससुर समाजवादी, वो बिहार के दिग्गज नेता लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं. यही वजह है कि इनको जिताने के लिए कांग्रेस के साथ तेजस्वी यादव का समर्थन भी मिला है, लेकिन चिरंजीव की निगाहें इस बार डिप्टी सीएम पर टिकी हैं.
कांग्रेस के जीतने पर डिप्टी सीएम बनाए जाने के सवाल पर चिरंजीव राव ने कहा कि दक्षिणी हरियाणा पिछड़ा है, जनता चाहती है कि यहां के लोगों को ये भूमिका मिले, जिससे विकास हो.
11 में से 8 सीटों पर बीजेपी को मिली थी जीत
दक्षिणी हरियाणा के अहिरवाल क्षेत्र की 11 विधानसभा सीटों पर पिछली बार बीजेपी को 8 सीटों पर जीत मिली थी. यह इलाका हरियाणा का डार्क जोन माना जाता है. यही वजह है कि सियासी खानदान से ज्यादा यहां नहरों में पानी, अग्निवीर और सड़क जैसे कई मुद्दों पर लोग मुखर होकर बोलते हैं.
अब हरियाणा विधानसभा चुनाव में अहिरवाल बेल्ट का सियासी नेतृत्व कौन करेगा इसको लेकर राजनीतिक घमासान छिड़ा है. हरियाणा विधानसभा चुनाव में कई मज़बूत सियासी परिवारों के बेटे-बेटियां चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन क्या दक्षिण हरियाणा के मतदाता सियासी परिवारों के इतिहास पर वोट देंगे या इन प्रत्याशियों के वर्तमान पर इसका जवाब भविष्य में कहीं छिपा हुआ है.
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