अहमदाबाद:
गुजरात विधानसभा के लिए प्रथम चरण के चुनाव के तहत गुरुवार को रिकॉर्ड 68 प्रतिशत मतदान हुआ।
यह चुनाव राज्य के मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी के लिए सबसे बड़ा चुनाव है जो राज्य में लगातार तीसरी बार सत्ता की बागडोर संभालने की उम्मीद कर रहे हैं। गुजरात परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष केशुभाई पटेल भाजपा के आरसी फाल्दू और कांग्रेस के अर्जुन मोढवाडिया सहित राज्य के शीर्ष नेताओं का चुनावी भविष्य आज ईवीएम में बंद हो गया।
आज 87 सीटों के लिए वोट डाले गए जबकि राज्य में विधानसभा सीटों की कुल संख्या 182 है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुआ मतदान हिंसा की एक दो घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण रहा। ईवीएम में गड़बड़ी की कुछ शिकायतें भी प्राप्त हुई।
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचक अधिकारी संजीव कुमार ने अहमदाबाद में बताया, ‘‘राज्य में प्रथम चरण के तहत हुए चुनाव में लगभग 67 प्रतिशत मतदान हुआ है।’’
गुजरात में दूसरे चरण का चुनाव 17 दिसंबर को को होगा जबकि मतगणना 20 दिसंबर को होगी। प्रथम चरण के चुनाव के तहत आज सौराष्ट्र क्षेत्र के सात जिलों में 48 सीटों पर और दक्षिण गुजरात के सात जिलों में 35 सीटों पर तथा अहमदाबाद जिले में चार सीटों पर मतदान हुआ।
सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में भारी मतदान हुआ जिसे राजनीतिक विश्लेषक काफी महत्वपूर्ण मान रहे हैं।
प्रभावी पटेल समुदाय का सौराष्ट्र क्षेत्र केशुभाई पटेल के जरिए मोदी के लिए कड़ी चुनौती पेश कर सकता है। पटेल ने नई पार्टी बनाने के लिए भाजपा छोड़ दिया था। गुजरात में अब तक हुए चुनाव में आज सर्वाधिक मतदान हुआ।
इससे पहले 1967 के चुनाव में 63.70 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं, 2007 में 59.77 प्रतिशत मतदान हुआ था। वर्ष 2002 में जब गुजरात में भाजपा की लहर चली थी तब, 61.55 प्रतिशत मतदान ही हुआ था।
प्रथम चरण के लिए हुआ मतदान कुल 846 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करेगा। भाजपा ने 87 सीटों, कांग्रेस ने 84 और जीपीपी ने 83 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे।
सुरेंद्र नगर, राजकोट, जामनगर, पोरबंदर, अमरेली और भावनगर के कुल 48 सीटों को बहुत अहम माना जा रहा है क्योंकि राजनीतिक विश्लेषक इस बात पर गौर कर रहे हैं कि वहां केशुभाई पटेल अपनी विजय पताका फहराने में कितने कामयाब होते हैं। मतदान करने के लिए सुबह से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतार लगी थी।
पहले तीन घंटे में 18 प्रतिशत मतदान हुआ और एक बजे तक 38 प्रतिशत मतदान हुआ वहीं तीन बजे तक यह आंकड़ा 53 प्रतिशत पर पहुंच गया।
मुख्य जिला चुनाव अधिकारी विजय नेहरा ने मतदान शुरू होने के कुछ घंटे बाद बताया कि अहमदाबाद जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों में वोट डालने के लिए लोगों की अभूतपूर्व भीड़ थी और यह दृश्य पिछले चुनाव से अलग था जब सुबह के वक्त मतदान धीमा रहता था।
साणंद विधानसभा क्षेत्र के तहत अहमदाबाद, वीरग्राम राजमार्ग पर स्त्री संस्कार विद्यालय में बनाये गए एक मतदान केंद्र में 50 से अधिक मतदाता 80 वर्ष से अधिक उम्र के थे जिन्होंने शुरूआती घंटों में वोट डाला।
राजकोट में पुलिस को कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच झड़प होने पर लाठीचार्ज करना पड़ गया।
साथ ही, वीरग्राम, साणंद और सूरत के कुछ मतदान केंद्रों से ईवीएम में गड़बड़ी की भी शिकायतें मिली। कई लोगों ने मतदाता सूची में अपना नाम मौजूद नहीं होने की भी शिकायत की।
यह चुनाव राज्य के मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी के लिए सबसे बड़ा चुनाव है जो राज्य में लगातार तीसरी बार सत्ता की बागडोर संभालने की उम्मीद कर रहे हैं। गुजरात परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष केशुभाई पटेल भाजपा के आरसी फाल्दू और कांग्रेस के अर्जुन मोढवाडिया सहित राज्य के शीर्ष नेताओं का चुनावी भविष्य आज ईवीएम में बंद हो गया।
आज 87 सीटों के लिए वोट डाले गए जबकि राज्य में विधानसभा सीटों की कुल संख्या 182 है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुआ मतदान हिंसा की एक दो घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण रहा। ईवीएम में गड़बड़ी की कुछ शिकायतें भी प्राप्त हुई।
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचक अधिकारी संजीव कुमार ने अहमदाबाद में बताया, ‘‘राज्य में प्रथम चरण के तहत हुए चुनाव में लगभग 67 प्रतिशत मतदान हुआ है।’’
गुजरात में दूसरे चरण का चुनाव 17 दिसंबर को को होगा जबकि मतगणना 20 दिसंबर को होगी। प्रथम चरण के चुनाव के तहत आज सौराष्ट्र क्षेत्र के सात जिलों में 48 सीटों पर और दक्षिण गुजरात के सात जिलों में 35 सीटों पर तथा अहमदाबाद जिले में चार सीटों पर मतदान हुआ।
सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में भारी मतदान हुआ जिसे राजनीतिक विश्लेषक काफी महत्वपूर्ण मान रहे हैं।
प्रभावी पटेल समुदाय का सौराष्ट्र क्षेत्र केशुभाई पटेल के जरिए मोदी के लिए कड़ी चुनौती पेश कर सकता है। पटेल ने नई पार्टी बनाने के लिए भाजपा छोड़ दिया था। गुजरात में अब तक हुए चुनाव में आज सर्वाधिक मतदान हुआ।
इससे पहले 1967 के चुनाव में 63.70 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं, 2007 में 59.77 प्रतिशत मतदान हुआ था। वर्ष 2002 में जब गुजरात में भाजपा की लहर चली थी तब, 61.55 प्रतिशत मतदान ही हुआ था।
प्रथम चरण के लिए हुआ मतदान कुल 846 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करेगा। भाजपा ने 87 सीटों, कांग्रेस ने 84 और जीपीपी ने 83 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे।
सुरेंद्र नगर, राजकोट, जामनगर, पोरबंदर, अमरेली और भावनगर के कुल 48 सीटों को बहुत अहम माना जा रहा है क्योंकि राजनीतिक विश्लेषक इस बात पर गौर कर रहे हैं कि वहां केशुभाई पटेल अपनी विजय पताका फहराने में कितने कामयाब होते हैं। मतदान करने के लिए सुबह से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतार लगी थी।
पहले तीन घंटे में 18 प्रतिशत मतदान हुआ और एक बजे तक 38 प्रतिशत मतदान हुआ वहीं तीन बजे तक यह आंकड़ा 53 प्रतिशत पर पहुंच गया।
मुख्य जिला चुनाव अधिकारी विजय नेहरा ने मतदान शुरू होने के कुछ घंटे बाद बताया कि अहमदाबाद जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों में वोट डालने के लिए लोगों की अभूतपूर्व भीड़ थी और यह दृश्य पिछले चुनाव से अलग था जब सुबह के वक्त मतदान धीमा रहता था।
साणंद विधानसभा क्षेत्र के तहत अहमदाबाद, वीरग्राम राजमार्ग पर स्त्री संस्कार विद्यालय में बनाये गए एक मतदान केंद्र में 50 से अधिक मतदाता 80 वर्ष से अधिक उम्र के थे जिन्होंने शुरूआती घंटों में वोट डाला।
राजकोट में पुलिस को कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच झड़प होने पर लाठीचार्ज करना पड़ गया।
साथ ही, वीरग्राम, साणंद और सूरत के कुछ मतदान केंद्रों से ईवीएम में गड़बड़ी की भी शिकायतें मिली। कई लोगों ने मतदाता सूची में अपना नाम मौजूद नहीं होने की भी शिकायत की।
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