
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
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पीएम मोदी के चुनावी भाषणों से गायब है विकास का एजेंडा : शिवसेना
'गुजरात चुनाव अभियान को पीएम मोदी ने निम्न स्तर पर पहुंचाया'
'अपनी जनसभा में मोदी कभी बहुत भावुक', कभी बहुत आक्रमक रुख अपना लेते हैं'
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संपादकीय में कहा गया है कि गुजरात चुनाव अभियान ड्रामेबाजी, भावुक भाषण देना, आंसू गिराना और तांडव करने तक पहुंच गया है और अंतिम चरण में, मोदी 'मेरे देश के लोग मेरा परिवार हैं' कहकर बहुत भावुक हो जाते हैं. संपादकीय में सवाल उठाया गया है कि क्या इससे पहले के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं का देश के लोगों के साथ कोई संबंध नहीं रहा है? इंदिरा गांधी जैसी नेता ने देश के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया, जबकि कई अन्य ने देश के लिए वर्षों जेल में बिताए. संपादकीय में कहा गया है कि न केवल वे लोग, बल्कि सीमा पर शहीद होने वाले सैनिक भी उसी परिवार का हिस्सा हैं.
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शिवसेना ने कहा, 'यह (गुजरात) वही राज्य है जिसने हमें यह प्रधानमंत्री दिया और जहां भाजपा ने 22 साल शासन किया. भाजपा चुनाव प्रचार अभियान में निचले स्तर तक क्यों चली गई.' उसने कहा, 'जब महाराष्ट्र चुनाव में हमने अफजल खान का उल्लेख किया था तब भाजपा ने ऐतराज किया था और कहा था कि हम चुनाव प्रचार में नीचे के स्तर तक चले गए, लेकिन मोदी ने खुद ही गुजरात चुनाव प्रचार अभियान में मुगल शासन का जिक्र किया.'
VIDEO : गुजरात के चुनावी दंगल में पीएम मोदी और राहुल गांधी के बीच जुबानी जंग
गौरतलब है कि 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने नेताओं को 'अफजल खान की औलाद' कहने पर शिवसेना से माफी मांगने की मांग की थी. (इनपुट एजेंसियों से)
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