गुजरात में दूसरे चरण के मतदान से दो दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में साबरमती नदी से मेहसाना जिले के धरोई बांध तक सी-प्लेन में सफर किया. फिर अंबाजी के दर्शन किए. ये पहला मौका था जब किसी प्रधानमंत्री ने सी-प्लेन से सफ़र किया हो. सरकार छोटे शहर और ग्रामीण इलाकों को आपस में जोड़ने के लिए सी-प्लेन के विकल्प पर काम करने की बात कह रही है. कुछ लोग इसे विकास की बुलंदी मानते हैं तो किसी को लगता है असल मुद्दों को गायब किया जा रहा है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साबरमती किनारे आए सी-प्लेन में बैठे प्लेन ने साबरमती में चक्कर काटे और फिर फुर्र से आसमान में उड़ गया. लगभग पौने घंटे बाद वो धरोई डैम के पास उतरे सड़क के रास्ते लोगों से मिलते रहे फिर अंबाजी मंदिर में दर्शन किए और वापस लौट आए. सरकार उड़ान प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में 32 जगहों सी प्लेन शुरू करने की योजना बना रही है. वहीं, दूसरे फेज में 80 जगहों को इससे जोड़ा जाएगा. इस मौके पर नितिन गडकरी ने कहा, आज ऐतिहासिक दिन है जब प्रधानमंत्री सी-प्लेन में बैठे, परिवहन के लिए ये ऐतिहासिक होगा, क्योंकि देश में इसकी अपार संभावनाएं हैं.
कुछ लोगों के लिए ये विकास की नई उड़ान है. कुछ के लिए जमीनी मुद्दों को आसमानी ख्वाब दिखाने का जरिया. केसुभाई ने बताया कि कुछ सालों पहले साबरमती नाले में तब्दील हो गई थी तो वहीं उनकी पत्नी ने कहा वो सी-प्लेन देखने आईं थीं. उन्हें लगता है कि ये विकास की नई ऊंचाई है, लेकिन डिप्लोमा इंजीनियर मुश्ताक को लगता है कि सरकार को रोज़गार पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता कि इस प्लेन के टिकट खरीदकर इसमें उड़ने की ताकत कौन रखता है.
सी-प्लेन की कीमत करीब 25 करोड़ रुपये है. सी-प्लेन दो फीट पानी में लैंड कर सकता है, रोड पर भी इसलिए इसे एंफिबियन कहा जाता है. टॉप स्पीड 339 किमी प्रति घंटा है. 300 मीटर रनवे पर ये टेक ऑफ कर सकता है. देश में अंडमान निकोबार और मुंबई से लोनावला के पावना डैम के बीच सी-प्लेन उड़ चुका है.
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माना जा रहा है कि इस योजना से लोग देश के कोने-कोने से जुड़ पाएंगे.
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