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This Article is From May 28, 2016

बढ़ते तापमान के साथ यह बीमारियां कर सकती हैं बच्चों पर हमला

बढ़ते तापमान के साथ यह बीमारियां कर सकती हैं बच्चों पर हमला
नई दिल्ली: इस बढ़ते तापमान ने बड़ों-बड़ों के पसीने छुड़ा रखे हैं, तो बच्चों का बच पाना कहां मुमकिन है। इस चिलचिलाती गर्मी में खुद के साथ बच्चों का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी हो गया है। तापमान 40 से पार जा चुका है और ऐसे में लोगों का इससे प्रभावित होना स्वभाविक है। गर्मी में गला खराब, जुकाम, बुखार जैसी बीमारियां आम बात हैं। लेकिन अगर उचित सावधानियां रखी जाएं, तो ज्यादातर बीमारियों से बचाव हो सकता है।

गर्मी के चलते लगभग सभी बच्चों के स्कूलों की छुट्टियां कर दी जाती हैं, ताकि वह घर पर ही रहें और गर्मी से बच सकें। लेकिन आजकल के बढ़ते कॉम्पिटीशन के कारण पेरेंट्स बच्चों को कोई न कोई कोर्स सिखाने के लिए बाहर निकालते हैं। इसके चलते अकसर बच्चे गर्मी का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में बच्चों के लिए जरूरी है कि बच्चे गर्मियों में भरपूर पानी पीएं, गर्मी के समय ज्यादा बाहर न निकलें और पूरा आराम करें और पेरेंट्स भी उन्हें नज़रअंदाज न करें।

इस बारे में जानकारी देते हुए 'हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया' के प्रेसिडेंट और आईएमए के ऑनरेरी सेक्रेटरी डॉ के.के. अग्रवाल ने बताया कि बच्चों को गर्मियों में सेहतमंद और सुरक्षित रखने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी बेहद जरूरी हैं। बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पानी और पोषक आहार देना चाहिए। डीहाईड्रेशन, हीट एग्जॉशन और हीट स्ट्रोक से बचने के लिए गर्मी में घर से बाहर न निकलें और खुद का ध्यान रखें।

इन बीमारियों से करें बचाव-

सन स्ट्रोक- आमतौर पर गर्मियों में सनस्ट्रोक की समस्या हो जाती है क्योंकि इस मौसम में शरीर की खुद को ठंडा रखने की क्षमता कम हो जाती है। सनस्ट्रोक से बचने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीते रहना जरूरी है। हीट स्ट्रोक से पीड़ित होने पर लोगों को तेज बुखार और कमजोरी महसूस होती है।

फोड़े-फुंसी- गर्मी में घर से बाहर निकलने पर पसीना आता है, जो कि कई तरह के फोड़े-फुंसी और घमोरियों को जन्म देता है।य़ ऐसे में कोई घरेली उपचार करने से अच्छा है डॉक्टर की सलाह लें।

एलर्जी- धूल और गर्मी  के कारण बहुत से लोगों को एलर्जी हो जाती है। ऐसे में वह कोशिश करें कि दिन के समय घर से बाहर न निकलें। ज़्यादा ही जरूरत लगो तो बॉडी को कवर करके ही बाहर जाएं, ताकि शरीर पर सीधे धूल और धूप असर न कर पाएं।

हैजा, टायफायड, पीलिया और दस्त पानी से होने वाली आम बीमारियां हैं जो बाहर के खाने से होती हैं। बाहर का खाना गर्मी में जल्दी खराब हो जाता है। गर्मी में पानी की मांग बढ़ जाती है और प्रदूषित पानी के कारण बीमारियां फैलती हैं। इसलिए बाहर जाते समय अपने साथ पानी ले जाना न भूलें। यही नहीं, कुछ दिन बाहर के खाने से भी परेहज करें।

खाने से होने वाली बीमारियां- बैक्टीरिया गर्म और नमी युक्त माहौल में पैदा होते हैं। इनसे खाने में विषैलापन पैदा होने से बीमारियां फैलती हैं।

मच्छरों से होने वाली बीमारियां- इधर-उधर पानी जमा होने से मच्छर पनपते हैं जिससे डेंगू, मलेरिया और मच्छरों से होने वाली दूसरी बीमारियां फैलती हैं।

बचने के उपायः
  • सड़क गर्मियों में खाना जल्दी खराब हो जाता है। ऐसे में बाहर बिकने वाले कटे हुए फल और दूसरी खाने की चीजें बच्चों को न खिलाएं।
  • बच्चों के इम्यूनिटी पॉवर बड़ों के मुकाबले कमजोर होती है और वह बहुत जल्द बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। बच्चों को इस मौसम में मसालेदार और तली हुई चीजें न खिलाएं। ये पचने में भारी होती हैं। ताजे फल, हरी सब्जियों और ताजे फल के रस जैसे सेहतमंद और हल्के भोजन का सेवन करें।
  • बच्चों को प्यास न लगने पर भी पानी देते रहें। अगर वह पानी नहीं पीते, तो शरीर में पानी की पूर्ति करने के लिए नारियल पानी, शिकंजी आदि भी दे सकते हैं। ताकि शरीर को डीहाईड्रेशन से बचाया जा सके।
  • उन्हें हल्के एवं खुले कपड़े पहनाएं
  • बच्चों को एक्टिव बनाएं रखने के लिए उनके साथ सुबह जल्दी या देर शाम कसरत करें। शाम को या सुबह में पार्क जाएं और एक्सरसाइज़ आदि कर बॉडी को चुस्त-दुरुस्त बनाएं।

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