विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Nov 10, 2015

विटामिन डी के विशेष स्तर की कमी से हो सकते हैं दिल के रोग

लंबे समय तक शरीर में विटामिन डी की कमी से हृद्य संबंधी रोग हो सकते हैं

विटामिन डी के विशेष स्तर की कमी से हो सकते हैं दिल के रोग

विटामिन डी की कमी मतलब दिल को खतरा। लंबे समय तक शरीर में विटामिन डी की कमी से हृद्य संबंधी रोग हो सकते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने हार्ट अटैक और स्ट्रोक बढ़ने के विशेष खतरे के स्तर की पहचान की है। उटाह के साल्ट लेक सिटी में इंटरमाउंटेन मेडिकल सेंटर हार्ट इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं के अनुसार, रोगियों में 15 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर से कम विटामिन डी होने पर हृद्य संबंधी रोगों का खतरा काफी बढ़ जाता है। सामान्य ब्लड टेस्ट द्वारा ही बॉडी में विटामिन डी की कमी का पता लगाया जा सकता है।

 

Diwali 2018: दीपावली तिथि, लक्ष्मी पूजन मुहूर्त, पूजन विधि, लक्ष्मी आरती और स्पेशल फूड

डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद है गाजर, इस्‍तेमाल करके देखें

Diabetes: ये 3 ड्राई फ्रूट करेंगे ब्लड शुगर लेवल को नेचुरली कंट्रोल

Get Fair Skin: दो हफ्तों में निखरेगा त्वचा का रंग, ये 4 चीजें आएंगी काम, आसान घरेलू नुस्खे...

Benefits of Cloves: लौंग के फायदे, ये 5 परेशानियां होंगी दूर

क्या आप टाइम पर करते हैं ब्रेकफास्‍ट, लंच और डिनर, क्या हैं इन्हें करने का सही समय?

Dhanteras 2018: कब है धनतेरस, पूजा विधि, मुहूर्त, जानें धनतेरस पर क्यों खरीदते हैं सोना

हुमा कुरैशी को बेहद पसंद हैं कबाब, यहां पढ़ें सीख कबाब की रेसिपी

Karva Chauth 2018 (Karwa Chauth): सरगी में क्या खाएं कि पूरा दिन रहें एनर्जी से भरपूर

इस त्योहारी सीजन में फिट रहने के लिए आपके काम आएंगे ये टिप्‍स‌‌‌‌‌‌...

 

इंटरमाउंटेन मेडिकल सेंटर हार्ट इंस्टीट्यूट के कार्डियोवस्क्यूलर रिसर्च के डायरेक्टर जे. ब्रेंट मुहलेसटेइन का कहना है कि, “हालांकि 30 से ऊपर विटामिन डी का स्तर पारंपरिक रूप से सामान्य माना जाता है। हाल ही में कुछ शोधकर्ताओं ने प्रस्ताव रखा कि 15 से ऊपर का स्तर सुरक्षित है।” लेकिन उन्होंने कहा कि, “अभी तक रिसर्च के साथ नंबर्स को समर्थन नहीं दिया गया।”

ऑरलैंडो, फ्लोरिडा में अमेरिकन साइंटिफिक सेशन में पेश किए निष्कर्ष का डाटाबेस तकरीबन 230,000 से भी ज़्यादा रोगियों पर आधारित था, जिन्हें तीन साल तक फॉलो किया गया। शोधकर्ताओं ने मृत्यु, कोरोनरी आट्री रोग, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट और किडनी का फेल होना आदि के साथ प्रमुख हानिकर हृद्य की घटनाओं पर नज़र रखी।

उच्चतम खतरे के ग्रुप में 15 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर से ज़्यादा विटामिन डी वाले लोगों के मुकाबले, दूसरे लोगों में हृद्य संबंधी रोग होने का खतरा 35 प्रतिशत बढ़ गया। लगभग दस लोगों में से एक व्यक्ति में विटामिन डी का स्तर कम होने का अनुमान है। विटामिन डी स्वभाविक रूप से बॉडी द्वारा ही निर्मित किया जाता है, जब व्यक्ति धूप में निकलता है तो उसे विटामिन डी मिलता है। साथ ही यह फिश, अंडे के पीले भाग और कुछ डेयरी प्रॉडक्ट में पाया जाता है।

 

 

मुहलेसटेइन ने कहा कि वह विटामिन डी कमी वाले रोगियों के साथ परिक्षण करने की सोच रहे हैं कि क्या लंबे समय तक पूरक आहार से रोगियों मे हार्ट संबंधी परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है या नहीं।

उन्होंने कहा कि, “हम विटामिन डी और हार्ट पर अध्ययन करेंगे, ताकि हमें पूरी जानकारी मिल सके और हम रोगियों को सूचित कर सकें कि हृद्य संबंधी रोग को दूर करने के लिए वह क्या संभव चीज़ें कर सकते हैं।”

 

और खबरों के लिए क्लिक करें.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
Chilli Garlic Paratha: ऐसे बनाएं चिली गार्लिक पराठा, डबल हो जाएगा डिनर पार्टी का मजा
विटामिन डी के विशेष स्तर की कमी से हो सकते हैं दिल के रोग
Navratri 2021 Day 6 Special Bhog: Offer Sweet Made With Honey To Maa Katyayani On The Sixth Day Of Navratri
Next Article
Navratri Day 6 Special Bhog: नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी को चढ़ाएं शहद से बनी चीजों का भोग
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;