
Plasma Leakage in Dengue Hemorrhagic Fever: बारिश के मौसम में डेंगू एक बार फिर से राजधानी में डर और बेचैनी का माहौल पैदा कर रहा है, जिसे हल्का सा भी मौसमी बुखार आता है वो भी डेंगू की जांच करवाने के लिए अस्पताल की तरफ दौड़ पड़ता है. लेकिन बहुत से लोगों को जानकारी नहीं है कि 99 प्रतिशत मामलों में घबराने की जरूरत नहीं होती. डेंगू के ज्यादातर मामलों में बचाव हो सकता है. इसके इलाज और रोकथाम के बारे में लोगों को जागरूक करना जरूरी है. आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया कि डेंगू बुखार मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी है. यह चार किस्मों के डेंगू वायरस के संक्रमण से होती है, जो मादा ऐडीस मच्छर के काटने से फैलता है. डेंगू बुखार में तेज बुखार के साथ नाक बहना, खांसी, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों के दर्द और त्वचा पर हल्के रैश होते हैं. हालांकि कुछ बच्चों में लाल और सफेद निशानों के साथ पेट खराब, जी मिचलाना, उल्टी आदि हो सकता है.
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डेंगू में किन बातों का रखें ध्यान | Dengue Fever - Diagnosis and Treatment
डेंगू के मरीजों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, आराम करना चाहिए और काफी मात्रा में तरल आहार लेना चाहिए. बुखार या जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए पैरासीटामोल ली जा सकती है, लेकिन एस्प्रिन या आईब्यूप्रोफेन नहीं लेनी चाहिए क्योंकि इससे ब्लीडिंग का खतरा हो सकता है.
इसके गंभीर होने की संभावना केवल 1 प्रतिशत होती है और अगर लोगों को खतरे के संकेतों की जानकारी हो तो जान जाने से बचाई जा सकती है. अगर डेंगू के मरीज का प्लेटलेट्स काउंट 10,000 से ज्यादा हो तो प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन की कोई आवश्यकता नहीं होती. अनुचित प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन नुकसान कर सकता है.
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डॉ. अग्रवाल ने बताया, "डेंगू को रोका भी जा सकता है और इसका इलाज भी किया जा सकता है, इसलिए लोगों को घबराना नहीं चाहिए क्योंकि केवल 1 प्रतिशत मामलों में यह जानलेवा साबित होता है."
ये हैं डेंगू के लक्षण और उपाय (Common Symptoms of Plasma Leakage in Dengue)
उन्होंने कहा कि प्लाज्मा लीकेज डेंगू का सबसे स्पष्ट और जानलेवा लक्षण है, जो बीमारी होने के 3 से 7 दिनों के अंदर होता है. पेट में तेज दर्द, लगातार उल्टी आना, बेचैनी या सुस्ती, और तेजी से शरीर का तापमान कम हो तो यह खतरे की घंटी है, तुरंत छाती का एक्सरे-रेडियोग्राफी के साथ छाती और पेट का अल्ट्रासाउंड करवाकर प्लाज्मा लीकेज का पता करना चाहिए. रोकथाम के आवश्यक उपाय करके और उचित समय पर ध्यान देकर जान बचाई जा सकती है. सभी मरीजों को पानी खूब पीना चाहिए.
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ऐसे में हो सकता है रिस्की (Plasma Leakage in Dengue Risk)
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि अगर प्लाजमा लीकेज हो जाए तो वस्कुलर प्रिमिबिल्टी 24 से 48 घंटों में बनती है. अगर सहायक इलाज में देरी हो जाए तो प्लाज्मा लीकेज वाले मरीजों को शॉक हो सकता है और जान जाने का खतरा 12 प्रतिशत तक हो जाता है. प्लाज्मा लीकेज के बाद 60 प्रतिशत मरीजों में पेट दर्द की शिकायत पाई जाती है.
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ये हैं गंभीर लक्षण (Early Detection of Plasma Leakage in Dengue Hemorrhagic Fever)
20 का मंत्र सभी को याद रखना चाहिए- नब्ज में 20 की बढ़ोतरी, बीपी में 20 की कमी, उच्च और निम्न बीपी में 20 से कम का अंतर हो और बाजू पर 20 से ज्यादा निशान हों तो ये गंभीर खतरे के लक्षण होते हैं और तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
डेंगू को रोकने की जिम्मेदारी हम सब की है, न कि सिर्फ सरकार की, क्योंकि डेंगू मच्छर घरों के बाहर जमा पानी में पैदा होते हैं न कि गंदे पानी में.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)