नई दिल्ली: मैगी नूडल्स विवाद धीरे-धीरे और उलझता जा रहा है। उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट) ने दो मिनट में बनने वाले नूडल्स के सारे नमूने कंपनी के पंतनगर प्लांट और राज्य की दूसरी जगह से इकट्ठे कर लिए हैं।
यही नहीं उत्तराखंड के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी कंपनी इसी समस्या से जूझ रही है, जहां खाद्य नियामक (खाद्य सुरक्षा और ड्रग प्रशासन) द्वारा जांच किए गए मैगी नूडल्स के नमूनों में अनुमति से ज्यादा मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) मिला है।
उधमसिंह नगर के जिला न्यायधीश पंकज कुमार पांडे ने बताया कि खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने नेस्ले के पंतनगर प्लांट का जायजा लिया। मैगी नूडल्स के आठ नमूनों को एकत्रित कर राज्य की सरकारी प्रयोगशाला में भेज दिया गया है।
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वैसे तो मैगी नूडल्स पिछले महीने ही विवादों में घिर गई थी, जब उत्तरप्रदेश के खाद्य और ड्रग प्रशासन ने नेस्ले इंडिया को बाजार से फरवरी 2014 का स्टॉक वापिस लेने को कहा था, जिसमें स्वाद बढ़ाने के लिए अनावश्यक मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) और सीसा (लेड) की ज्यादा मात्रा पाई गई थी। इस बात को नेस्ले इंडिया ने नकारते हुए कहा कि वह सरकार के आदेश से सहमत नहीं है और वह अधिकारियों के साथ जरूरी अभ्यावेदन भर रहे हैं।
वहीं, दूसरी ओर केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने मैगी नूडल्स के मुद्दे को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण से देखने के लिए कहा है।
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केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि इनके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग को तत्काल कार्रवाई करने को कहा है, क्योंकि यह एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने यह मुद्दा भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण को दे दिया है। वर्तमान कानून के अनुसार विभाग को जुर्माना और सजा देने का अधिकार है।
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