
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन के बयान पर एतराज जताया.
- भारत ने संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया, पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र न होने पर.
- पहलगाम आतंकवादी हमले का उल्लेख न होना भारत की चिंता का विषय है.
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हाथ में कलम थी, सामने पन्ना पड़ा था जिसपर शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के बार तैयार किया गया संयुक्त बयान लिखा थी. रक्षा मंत्री ने उस बयान को पढ़ा और कलम नीचे राउंड टेबल पर रख दी. हथेली चेहरे को छू रही थी और चेहरा साफ बता रहा था कि उन्हें पन्ने पर लिखे बयान पर पूरा एतराज है. राउंड टेबल पर राजनाथ सिंह के अलावा शंघाई सहयोग संगठन के अन्य 9 सदस्य देशों के रक्षा मंत्री भी थे लेकिन मौका भारत की अपत्ति को दर्ज कराने का था.
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान, चीन समेत पूरी दुनिया को एक बार फिर आंतकवाद पर सख्त संदेश दिया. उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में उस संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया क्योंकि इसमें पहलगाम आतंकवादी हमले का उल्लेख नहीं किया गया था जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी.
वो लम्हा जब रक्षा मंत्री राजनाथ ने SCO के दस्तावेज पर साइन करने से किया इनकार
— NDTV India (@ndtvindia) June 26, 2025
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन के बयान पर एतराज जताया. पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र न होने पर भारत ने संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया.#SCO | #RajnathSingh | #China pic.twitter.com/NKddv1Af1d
भारत की तरफ से राजनाथ सिंह का साफ कहना है कि यह संयुक्त बयान आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत स्टैंड को नहीं दिखाता है. ऐसा लगता है कि पहलगाम को इस बयान से बाहर करना पाकिस्तान के इशारे पर किया गया है क्योंकि उसका सदाबहार सहयोगी चीन अभी संगठन का अध्यक्ष है. इसमें न सिर्फ पहलगाम हमले का कोई जिक्र नहीं है बल्कि उसकी जगह डॉक्यूमेंट में बलूचिस्तान का उल्लेख किया गया है, और भारत पर वहां बिना नाम लिए अशांति पैदा करने का आरोप लगाया गया है.
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