
दिवाली के बाद राजधानी दिल्ली में गुरुवार सुबह धुंध छाई रही और न्यूनतम तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. दिवाली के एक दिन बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' हो गया है. वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूवार्नुमान अनुसंधान प्रणाली (एसएएफएआर) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता बदतर हो गई है और न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री नीचे रहा है. भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने कहा, "सुबह के समय धुंध रहने के साथ आसमान साफ रहेगा."
राष्ट्रीय राजधानी (Air quality in Delhi) का आधा से अधिक हिस्सा जहां अति खराब या अत्यंत खराब वायु गुणवत्ता से जूझ रहा है, वहीं दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में प्रदूषण (Delhi pollution level) में वृद्धि दर्ज की गई है. बीते महीने फरीदाबाद में वायु, सुरक्षा मानकों के मुकाबले 25 गुना अधिक प्रदूषित पाई गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड (सीपीसीबी) के निगरानी केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, सुबह 10 बजे पीएम2.5 का स्तर 1,515 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (Air quality index Delhi) पाया गया, जो शाम तीन बजे गिरकर 1,295 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया. हवा में सूक्ष्म प्रदूषकों में से एक पीएम2.5 की अनुमत सीमा राष्ट्रीय मानक के मुताबिक 60 यूनिट और अंतर्राष्ट्रीय मानक के मुताबिक 25 यूनिट होनी चाहिए. अधिकारियों को हालांकि विश्वास है कि सुबह के दौरान लिए गए आंकड़ों में किसी प्रकार की तकनीकी खराबी हो सकती है.
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हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "फरीदाबाद में केवल एक निगरानी केंद्र है और यह शहर दिल्ली जितना प्रदूषित नहीं है. अचानक हुई बढ़ोत्तरी गलत हो सकती है. 1,515 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर बहुत ज्यादा है." इस बीच दिल्ली के 36 में से 16 इलाकों में रविवार सुबह से शाम तीन बजे तक लगातार वायु गुणवत्ता अति खराब या अत्यंत खराब पाई गई. इन 16 इलाकों में वायु प्रदूषण पर निगरानी रखी जाती है.
Pollution in Delhi: दिल्ली के कुल 18 इलाकों में वायु गुणवत्ता अति खराब दर्ज की गई. 36 में से केवल दो इलाकों में वायु गुणवत्ता सामान्य से खराब पाई गई है. दिल्ली में द्वारका, आनंद विहार, रोहिणी, मुंडका, बवाना, मथुरा रोड, दिल्ली टेक्निकल विश्वविद्यालय, जहांगीरपुरी, नरेला, नेहरू नगर, दिल्ली विश्वविद्यालय नॉर्थ कैंपस, पंजाबी बाग, आर.के. पुरम, सोनिया विहार, विवेक विहार और वजीरपुर सबसे प्रदूषित इलाके हैं. सीपीसीबी के मुताबिक, दिवाली तक हालात ऐसे ही बने रहेंगे और उसके बाद प्रदूषण और खराब होता सकता है.
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तो चलिए एक नजर देखते हैं कि प्रदूषण (air quality index India) के बीच रहते हुए भी कैसे आप खुद को इसके प्रभावों से बचा कर रख सकते हैं.
सबसे पहले एक नजर डालते हैं प्रदूषण से होने वाली बीमारियों पर- Air pollution cause health problems
हो सकता है कि आपको लगे कि बार-बार होने वाला जुकाम सर्दी या बदलते मौसम की वजह से है. लेकिन यह प्रदूषण का आपके शरीर पर प्रभाव हो सकता है. हसके अलावा सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, खांसी, साइनस, टीबी और गले में में इन्फेक्शन, अस्थमा, फेफड़ों से जुड़े रोग भी प्रदूषण की देन हो सकते हैं.
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कैसे करें खुद का बचाव- Pollution remedies
हालांकि आप वायु प्रदूषण या एयर पॉल्यूशन से खुद को सौ फीसदी तो नहीं बचा सकते, लेकिन फिर भी अपने बचाव के लिए कुछ कदम उठा सकते हैं, जैसे-
- जब भी घर से बाहर जाएं तो मुंह पर मास्क लगाकर जाएं.
- यह जरूरी नहीं कि प्रदूषण सिर्फ शरीर के अंदरूनी हिस्सों पर असर करता है. यह आपके बाहरी हिस्सों जैसे त्वचा और आंखों को भी प्रभावित कर सकता है. तो जब भी घर से बाहर निकलें आंखों पर चश्मा जरूर लगा लें.
- अगर आप मुंह पर मास्क लगा कर बाहर निकल रहे हैं, तो उसे बार-बाद छूएं नहीं.
- इस बात का भी पूरा ध्यान रखें कि आप जिस मास्क को एक बार इस्तेमाल कर चुके हैं उसे दोबारा इस्तेमाल न करें. हां, अगर आपका मास्क रीयूजेबल है तो बात अलग है.
- आपको याद होगा पहले हमारे बड़े रोज सुबह शाम घर के बाहर सड़क पर पानी डाला करते थे. बस आपको भी यही करना है. घर के बाहर सड़क को गीला करें. ऐसा करने से धूल के दूषित कण हवा में नहीं उड़ेंगे.
- बाहर के साथ साथ घर की हवा भी प्रदूषित होती है, तो घर में नियमित डस्टिंग करते रहें.
- कोशिश करें कि घर में ही रहें. बाहर निकला ही हो तो उस समय निकलें जब पर्यावरण में प्रदूषण (Delhi pollution level today live) का स्तर कम हो.
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कैसी हो डाइट की प्रदूषण के असर को करे दूर -
इंसान का शरीर अपने खाने से एनर्जी लेता है. यह तो साफ है कि आप क्या खाते हैं यह आपकी सेहत को प्रभावित करता है. चलिए फिर देखते हैं कि किस तरह की डाइट से आप प्रदूषित शहर की आबोहवा में बचे रह सकते हैं.
- अदरक का यह नुस्खा आपके खूब काम आएगा. इसके लिए अदरक का रस और सरसों का तेल नाक में डालना होगा. यह बूंद-बूंद कर डालें.
- तुलसी कई तरह के रोगों में काम आएगी. प्रदूषण से बचने के लिए रोज तुलसी के पत्तों का पानी पीएं.
- रोज गर्म दूध जरूर पीएं. ऐसा करने से फेफड़ों को धूल के कणों से बचाया जा सकता है.
- प्रदूषण बढ़ने पर या सामान्य तौर पर भी अपने खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ जरूर खाएं. गुड़ खून साफ करता है. यह प्रदूषण के प्रभाव को कम करेगा.
- ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें.
- फेफड़ों में जमी कफ और गंदगी बाहर निकालने के लिए शहद में काली मिर्च मिलाकर खाएं.
इनपुट आईएएनएस
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