नई दिल्ली:
बॉलीवुड इंडस्ट्री में अक्सर डायरेक्टर सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्मों के सीन्स में लगाए जाने वाले कट्स या अहम सीन्स के डिलीज होने को लेकर परेशान रहते हैं. लेकिन फिल्म 'कमांडो 2' के निर्देशक विपुल शाह को सेंसर बोर्ड का रवैया सही लगता है और उनका कहना है कि लोग जानबूझकर इस संस्था को टारगेट कर रहे हैं. बता दें कि हाल ही में सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी एक बार फिर अवॉर्ड विनिंग फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' पर बैन लगाए जाने के चलते विवादों में आए हैं. ऐसे में डायरेक्टर विपुल शाह ने सेंसर बोर्ड के रवैये और निहलानी का बचाव किया है. विपुल शाहर का कहना है कि पहलाज निहलानी को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है.
विपुल ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को एक इंटरव्यू में बताया कि देश में सेंसर बोर्ड को लेकर तमाम तरह की भ्रांतिया हैं. ज्यादातर लोग सेंसर बोर्ड के काम करने के तरीकों और इसके तकनीकी पहलुओं से परिचित ही नहीं हैं और बेवजह बोर्ड पर निशाना साध रहे हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि सेंसर बोर्ड के जितने भी विवाद हुए हैं, उसके बहुत सारे पहलू हैं जो कभी खुलकर सामने नहीं आए. हम एक संस्था के पीछे पड़ गए हैं. लोग उसकी तकनीक को नहीं समझ रहे हैं. उसकी जटिलताओं को समझ नहीं रहे हैं. सभी भेड़चाल में शामिल हो गए हैं और सेंसर बोर्ड को कोसने में लगे हैं.'
बोर्ड अध्यक्ष निहलानी से जुड़े विवादों के बारे में पूछने पर विपुल ने आईएएनएस को बताया, 'पहलाज निहलानी को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है. सेंसर बोर्ड के तकनीकी पहलुओं के बारे में किसी को जानकारी ही नहीं है. बिना किसा जानकारी के कोसने में लगे हुए हैं. मैं इन तमाम तरह के लोगों से कहना चाहता हूं कि किसी भी तरह के आरोप से पहले सेंसर बोर्ड के दिशानिर्देशों और उसके तकनीकी पहलुओं के बारे में पढ़ें, क्योंकि जो जैसा दिखता है, वैसा नहीं है.'
बता दें कि 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' प्रकाश झा के प्रोडक्श हाउस में बनी फिल्म है. इस फिल्म को विदेशो में कई अवॉर्ड मिल चुके हैं. विपुल शाह की फिल्म 'कमांडो-2' पिछले हफ्ते रिलीज हुई है. ऐसे में देश में बनने वाली एक्शन फिल्मों के बारे में उन्होंने आईएएनएस को बताया, ', 'मैं उस तरह की एक्शन फिल्में बनाना चाहता हूं जो रियलिस्टिक लगे. मुझे बेवजह हवा में उड़कर मारना, और बहुमंजिली इमारत से छलांग लगाने के उल-जलूल स्टंट और एक्शन दृश्य पकाऊ लगते हैं और दर्शक उससे कनेक्ट भी नहीं कर पाते.'
बॉलीवुड के एक्शन हीरो के बारे में वह कहते हैं, 'हम हिंदुस्तानी जेम्स बॉन्ड, जैकी चैन और विन डीजल के एक्शन सीन देखकर दांतों तले उंगली दबा लेते हैं, लेकिन अब हमारे पास भी विद्युत जामवाल और टाइगर श्रॉफ जैसे अच्छा एक्शन करने वाले युवा अभिनेता हैं जो हॉलीवुड के एक्शन हीरो को टक्कर दे रहे हैं. हमें इस तरह के और बेहतरीन एक्शन हीरो करने वाले अभिनेताओं की जरूरत है.'
विपुल 'कमांडो-2' की रिलीज के बाद इस फिल्म श्रृंखला की तीसरी फिल्म 'कमांडो-3' की तैयारियां जल्द करना चाहते हैं. इसके अलावा, वह कुछ और एक्शन फिल्मों की योजना बना रहे हैं. विपुल कहते हैं, 'हमने कमांडो फिल्म की शुरुआत में ही इस श्रृंखला की तीन फिल्में बनाने की योजना बनाई थी, क्योंकि मेरा मानना था कि एक ब्रांड को खड़ा करने के लिए कम से कम तीन फिल्में तो बननी ही चाहिए.' विपुल शाह बहुत जल्द 'कमांडो-3' पर काम शुरू करेंगे. इसके अलावा एक्शन फिल्मों को लेकर उन्होंने बहुत कुछ सोचा है, जिसे वह समय आने पर सबके सामने रखेंगे.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
विपुल ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को एक इंटरव्यू में बताया कि देश में सेंसर बोर्ड को लेकर तमाम तरह की भ्रांतिया हैं. ज्यादातर लोग सेंसर बोर्ड के काम करने के तरीकों और इसके तकनीकी पहलुओं से परिचित ही नहीं हैं और बेवजह बोर्ड पर निशाना साध रहे हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि सेंसर बोर्ड के जितने भी विवाद हुए हैं, उसके बहुत सारे पहलू हैं जो कभी खुलकर सामने नहीं आए. हम एक संस्था के पीछे पड़ गए हैं. लोग उसकी तकनीक को नहीं समझ रहे हैं. उसकी जटिलताओं को समझ नहीं रहे हैं. सभी भेड़चाल में शामिल हो गए हैं और सेंसर बोर्ड को कोसने में लगे हैं.'
बोर्ड अध्यक्ष निहलानी से जुड़े विवादों के बारे में पूछने पर विपुल ने आईएएनएस को बताया, 'पहलाज निहलानी को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है. सेंसर बोर्ड के तकनीकी पहलुओं के बारे में किसी को जानकारी ही नहीं है. बिना किसा जानकारी के कोसने में लगे हुए हैं. मैं इन तमाम तरह के लोगों से कहना चाहता हूं कि किसी भी तरह के आरोप से पहले सेंसर बोर्ड के दिशानिर्देशों और उसके तकनीकी पहलुओं के बारे में पढ़ें, क्योंकि जो जैसा दिखता है, वैसा नहीं है.'
बता दें कि 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' प्रकाश झा के प्रोडक्श हाउस में बनी फिल्म है. इस फिल्म को विदेशो में कई अवॉर्ड मिल चुके हैं. विपुल शाह की फिल्म 'कमांडो-2' पिछले हफ्ते रिलीज हुई है. ऐसे में देश में बनने वाली एक्शन फिल्मों के बारे में उन्होंने आईएएनएस को बताया, ', 'मैं उस तरह की एक्शन फिल्में बनाना चाहता हूं जो रियलिस्टिक लगे. मुझे बेवजह हवा में उड़कर मारना, और बहुमंजिली इमारत से छलांग लगाने के उल-जलूल स्टंट और एक्शन दृश्य पकाऊ लगते हैं और दर्शक उससे कनेक्ट भी नहीं कर पाते.'
बॉलीवुड के एक्शन हीरो के बारे में वह कहते हैं, 'हम हिंदुस्तानी जेम्स बॉन्ड, जैकी चैन और विन डीजल के एक्शन सीन देखकर दांतों तले उंगली दबा लेते हैं, लेकिन अब हमारे पास भी विद्युत जामवाल और टाइगर श्रॉफ जैसे अच्छा एक्शन करने वाले युवा अभिनेता हैं जो हॉलीवुड के एक्शन हीरो को टक्कर दे रहे हैं. हमें इस तरह के और बेहतरीन एक्शन हीरो करने वाले अभिनेताओं की जरूरत है.'
विपुल 'कमांडो-2' की रिलीज के बाद इस फिल्म श्रृंखला की तीसरी फिल्म 'कमांडो-3' की तैयारियां जल्द करना चाहते हैं. इसके अलावा, वह कुछ और एक्शन फिल्मों की योजना बना रहे हैं. विपुल कहते हैं, 'हमने कमांडो फिल्म की शुरुआत में ही इस श्रृंखला की तीन फिल्में बनाने की योजना बनाई थी, क्योंकि मेरा मानना था कि एक ब्रांड को खड़ा करने के लिए कम से कम तीन फिल्में तो बननी ही चाहिए.' विपुल शाह बहुत जल्द 'कमांडो-3' पर काम शुरू करेंगे. इसके अलावा एक्शन फिल्मों को लेकर उन्होंने बहुत कुछ सोचा है, जिसे वह समय आने पर सबके सामने रखेंगे.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
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