नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही 'एंटी रोमियो स्क्वाड' का गठन किया गया. इसके पीछे का उद्देश्य मनचलों पर लगाम लगाना बताया गया था. लेकिन उसके बाद से इसको लेकर कई तरह की शिकायतें आती रही हैं. कभी पुलिस वाले भाई-बहन को परेशान कर रहे हैं तो कभी दोस्तों को. एक वाकये में तो 'एंटी रोमियो स्क्वाड' ने पति पत्नी तक को नहीं छोड़ा. ऐसे में 'एंटी रोमियो स्क्वाड' के इस हो हल्ले के बीच बॉलीवुड की एक फिल्म आ रही है जिसका नाम है 'मिर्जा-जूलियट.' फ़िल्म 7 अप्रैल को रिलीज़ होगी. सामंती दबाव के बीच प्रेम कहानियां किस मासूमियत और साहस के साथ बड़ी और खड़ी होती हैं, उसकी मिसाल मिर्ज़ा और जूली शुक्ला की प्रेम कहानी. कहानी की ज़मीन पूर्वी उत्तर प्रदेश के सामंती समाज की है. बचपन में पिता को खो चुकी और भाइयों के बीच पली-बढ़ी जूली में अपने तरह का लड़कपन है. फिल्म के मुख्य किरदारों में अभिनेता दर्शन कुमार और पिया बाजपेयी शामिल हैं. निर्देशक हैं राजेश राम सिंह.
मिर्ज़ा-जूलियट एक सच्ची प्रेम कहानी है जो बनारस के आसपास बुनी गयी है. फिल्म का नाम अजय देवगन ने सुझाया था. मेरीकॉम जैसी फिल्म में काम कर चुके दर्शन कुमार इस फिल्म में लीड रोल में हैं. फिल्म के निर्देशक राजेश राम बताते हैं कि यह फिल्म सिर्फ 47 दिनों में बनकर तैयार हो गई. अभिनेता दर्शन कुमार का कहना है कि फिल्म 'मिर्जा जूलियट' में उन्होंने अपने किरदार को गहराई से आत्मसात करने और निभाने के लिए मनोवैज्ञानिक की मदद ली.
अभिनेता ने अपने बयान में कहा, "मिर्जा एक उलझा हुआ जटिल चरित्र है, उसे कम उम्र में ही काफी तकलीफों से गुजरना पड़ा है, उसने अपने जीवन के शुरुआती साल अपने माता-पिता की मौत का बदला लेने के आरोप में जेल में बिताए हैं, उस समय से वह अंदर से मर चुका है, लेकिन वह सामान्य जीवन जीने की इच्छा रखता है." दर्शन ने कहा, "मेरे जैसे शख्स के लिए यह समझना मुश्किल है कि अपने दुखद अतीत के साथ कोई सामान्य जिंदगी कैसे जी सकता है. मैंने वास्तव में इस किरदार को गहराई से समझने के लिए अपने एक मनोवैज्ञानिक मित्र से मुलाकात की."
फिल्म 'मैरी कॉम' से चर्चित चेहरा बने दर्शन ने कहा कि उन्हें छोटे किरदार निभाने से ऐतराज नहीं है, लेकिन किरदार महत्वपूर्ण होना चाहिए. उन्होंने कहा कि मिर्जा के रूप में उन्होंने किरदार के साथ पूरा न्याय करने की कोशिश की है. चंदन रॉय सान्याल और प्रियांशु चटर्जी भी फिल्म के अन्य कलाकारों में शामिल हैं. फिल्म को मिर्जापुर, बनारस और धर्मशाला में फिल्माया गया है, नायक के चरित्र का नाम मिर्जा और नायिका के चरित्र का नाम जूलियट है. वैसे ऐंटी रोमियो स्क्वॉड के इन दिनों में ये प्रेम कहानी अपने नाम की वजह से भी लोगों का ध्यान खींचेगी.
मिर्ज़ा-जूलियट एक सच्ची प्रेम कहानी है जो बनारस के आसपास बुनी गयी है. फिल्म का नाम अजय देवगन ने सुझाया था. मेरीकॉम जैसी फिल्म में काम कर चुके दर्शन कुमार इस फिल्म में लीड रोल में हैं. फिल्म के निर्देशक राजेश राम बताते हैं कि यह फिल्म सिर्फ 47 दिनों में बनकर तैयार हो गई. अभिनेता दर्शन कुमार का कहना है कि फिल्म 'मिर्जा जूलियट' में उन्होंने अपने किरदार को गहराई से आत्मसात करने और निभाने के लिए मनोवैज्ञानिक की मदद ली.
अभिनेता ने अपने बयान में कहा, "मिर्जा एक उलझा हुआ जटिल चरित्र है, उसे कम उम्र में ही काफी तकलीफों से गुजरना पड़ा है, उसने अपने जीवन के शुरुआती साल अपने माता-पिता की मौत का बदला लेने के आरोप में जेल में बिताए हैं, उस समय से वह अंदर से मर चुका है, लेकिन वह सामान्य जीवन जीने की इच्छा रखता है." दर्शन ने कहा, "मेरे जैसे शख्स के लिए यह समझना मुश्किल है कि अपने दुखद अतीत के साथ कोई सामान्य जिंदगी कैसे जी सकता है. मैंने वास्तव में इस किरदार को गहराई से समझने के लिए अपने एक मनोवैज्ञानिक मित्र से मुलाकात की."
फिल्म 'मैरी कॉम' से चर्चित चेहरा बने दर्शन ने कहा कि उन्हें छोटे किरदार निभाने से ऐतराज नहीं है, लेकिन किरदार महत्वपूर्ण होना चाहिए. उन्होंने कहा कि मिर्जा के रूप में उन्होंने किरदार के साथ पूरा न्याय करने की कोशिश की है. चंदन रॉय सान्याल और प्रियांशु चटर्जी भी फिल्म के अन्य कलाकारों में शामिल हैं. फिल्म को मिर्जापुर, बनारस और धर्मशाला में फिल्माया गया है, नायक के चरित्र का नाम मिर्जा और नायिका के चरित्र का नाम जूलियट है. वैसे ऐंटी रोमियो स्क्वॉड के इन दिनों में ये प्रेम कहानी अपने नाम की वजह से भी लोगों का ध्यान खींचेगी.
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