सलमान खान ने उस समय खुद को बेकसूर बताया, जब मुंबई की सेशन्स कोर्ट ने वर्ष 2002 के हिट एंड रन मामले में उनके खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का आरोप तय किया, हालांकि उन्हें मुकदमे के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं होने की छूट दे दी गई है।
                                            
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                                                                                मुंबई: 
                                        बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान ने मुंबई की सेशन्स कोर्ट में उस समय खुद को बेकसूर बताया, जब कोर्ट ने वर्ष 2002 के हिट एंड रन मामले में उनके खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का आरोप तय किया, हालांकि उन्हें मुकदमे के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं होने की छूट दे दी गई है।
इस आरोप के तहत दोषी करार दिए जाने की स्थिति में सलमान खान को अधिकतम 10 साल तक कैद की सज़ा सुनाई जा सकती है। माना जा रहा है कि मुकदमा काफी लंबे समय तक चलता रह सकता है, इसीलिए अभिनेता को मुकदमे की सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं की छूट भी दे दी गई है, क्योंकि वह अपने फिल्मी कामकाज को लेकर इन दिनों काफी व्यस्त रहते हैं।
अदालत ने इसके अतिरिक्त मुकदमे को एक अन्य जज के पास भी स्थानांतरित कर दिया है। पिछले माह ही कोर्ट ने सलमान खान की इस अपील को खारिज कर दिया था कि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 अथवा गैर-इरादतन हत्या का आरोप लगाया जाना गलत है।
इससे पहले, 47-वर्षीय सलमान खान पर इस मामले में गैरजिम्मेदाराना तरीके से गाड़ी चलाकर जान लेने के आरोप में मुकदमा चल रहा था, जिसके तहत दोषी पाए जाने पर सिर्फ दो साल तक की अधिकतम कैद की सज़ा मुमकिन थी, लेकिन एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने जून माह में इस आरोप को गैर-इरादतन हत्या के कदरन गंभीर आरोप में बदल दिया था।
सलमान खान पर आरोप है कि 11 साल पहले, वर्ष 2002 के सितंबर माह में सलमान खान एक टोयोटा लैंडक्रूसर गाड़ी चला रहे थे, और उसी वक्त उन्होंने बांद्रा इलाके में एक बेकरी के बाहर फुटपाथ पर सो रहे कुछ लोगों को गाड़ी से कुचल दिया, जिनमें से एक की मौत हो गई, और चार अन्य घायल हुए थे।
वैसे, काफी विवादों से जुड़े रहे सलमान खान इससे पहले राजस्थान में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान विलुप्तप्राय काले हिरन का शिकार करने से जुड़े मामले में वर्ष 1998 में तीन दिन जेल में बिता चुके हैं।
                                                                        
                                    
                                इस आरोप के तहत दोषी करार दिए जाने की स्थिति में सलमान खान को अधिकतम 10 साल तक कैद की सज़ा सुनाई जा सकती है। माना जा रहा है कि मुकदमा काफी लंबे समय तक चलता रह सकता है, इसीलिए अभिनेता को मुकदमे की सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं की छूट भी दे दी गई है, क्योंकि वह अपने फिल्मी कामकाज को लेकर इन दिनों काफी व्यस्त रहते हैं।
अदालत ने इसके अतिरिक्त मुकदमे को एक अन्य जज के पास भी स्थानांतरित कर दिया है। पिछले माह ही कोर्ट ने सलमान खान की इस अपील को खारिज कर दिया था कि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 अथवा गैर-इरादतन हत्या का आरोप लगाया जाना गलत है।
इससे पहले, 47-वर्षीय सलमान खान पर इस मामले में गैरजिम्मेदाराना तरीके से गाड़ी चलाकर जान लेने के आरोप में मुकदमा चल रहा था, जिसके तहत दोषी पाए जाने पर सिर्फ दो साल तक की अधिकतम कैद की सज़ा मुमकिन थी, लेकिन एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने जून माह में इस आरोप को गैर-इरादतन हत्या के कदरन गंभीर आरोप में बदल दिया था।
सलमान खान पर आरोप है कि 11 साल पहले, वर्ष 2002 के सितंबर माह में सलमान खान एक टोयोटा लैंडक्रूसर गाड़ी चला रहे थे, और उसी वक्त उन्होंने बांद्रा इलाके में एक बेकरी के बाहर फुटपाथ पर सो रहे कुछ लोगों को गाड़ी से कुचल दिया, जिनमें से एक की मौत हो गई, और चार अन्य घायल हुए थे।
वैसे, काफी विवादों से जुड़े रहे सलमान खान इससे पहले राजस्थान में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान विलुप्तप्राय काले हिरन का शिकार करने से जुड़े मामले में वर्ष 1998 में तीन दिन जेल में बिता चुके हैं।
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