नवाजुद्दीन सिद्दीकी
नई दिल्ली:
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपनी फिल्म बाबूमोशाय बंदूकबाज के साथ इस बात को सिद्ध कर दिया है कि कम बजट फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा सकती है. बशर्ते, फिल्म में दम होना चाहिए. वह दम उनकी बाबूमोशाय...में था. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन कर रही है और पांच करोड़ रु. के बजट वाली यह फिल्म 10 करोड़ रु. का आंकड़ा पार कर चुकी है. अपनी फिल्म की सफलता से उत्साहित नवाजुद्दीन ने एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में फिल्म की कामयाबी से लेकर अपने अगले प्रोजेक्ट्स तक के बारे में बात कीः
Video: 'बाबूमोशाय बंदूकबाज' के कलाकारों से खास मुलाकात
डार्क हैंडसम हीरो हिट हो गया?
हां, हमारी कोशिश सही साबित हो गई है. कभी किसी के कलर को लेकर इश्यू नहीं बनाना चाहिए क्योंकि यह कुछ अजीब लगता है. टैलेंट की कद्र होनी चाहिए, कलर कोई मायने नहीं रखता है.
बाबूमोशाय बंदूकबाज की हिट होने की वजह आप क्या मानना है?
हमारी फिल्म एडल्ट होने की वजह से बड़ी संख्या मे दर्शक वैसे ही अलग हो गए थे. लेकिन स्मॉल टाउन के यूथ ने हमारी फिल्म को हिट बनाया क्योंकि छोटे शहरों के 90 फीसदी लौंडे हमारे जैसे ही हैं. यही वजह रही कि फिल्म को एमपी, बिहार, यूपी के छोटे शहरों से खूब रिस्पॉन्स मिला. फिल्म में हर तरह का मसाला भी था. इसलिए यूथ को फिल्म देखने में खूब मजा आया.
आपको नहीं लगता, यह कामयाबी का सफर थोड़ा मुश्किल था क्योंकि फिल्म के लीक होने की अफवाह भी उड़ी थी?
एक गड़बड़ यह है कि छोटी फिल्म को रिस्पेक्ट नहीं मिलती है. सब यह कहकर नजरअंदाज करने की कोशिश करते हैं कि अरे यह तो छोटी फिल्म है. समझना चाहिए कि छोटी फिल्म में भी उतनी ही मेहनत लगती है, जितनी बड़ी में. यहां भी लोग मेहनत करते हैं और उनका भी पैशन होता है.
यह भी पढ़ेंः फैशन वीक में लोगों को सीट तक पहुंचाने का काम करती थीं सोनाक्षी सिन्हा
तो क्या बड़ी फिल्में अच्छी नहीं होतीं?
नहीं ऐसी कोई बात नहीं है. आजकल बड़ी फिल्में भी बदल रही हैं. उनका कंटेंट भी सॉलिड हो रहा है. आप देखिए शाहरुख गैंगस्टर का काम करने से भी झिझकते नहीं हैं.
आपकी यह सोलो हिट है, क्या अब बड़े बजट की फिल्मों की ओर रुख करेंगे?
बिल्कुल नहीं. मेरा फोकस हमेशा से कंटेंट पर रहा है. अगर फिल्म का बजट जीरो भी हो तो भी मुझे फर्क नहीं पड़ता लेकिन कंटेंट में दम होना चाहिए और मेरी पसंद का हो.
आने वाली फिल्मों में यही तेवर बने रहेंगे या कुछ चेंज करेंगे?
अब मैं फ्लेवर चेंज कर रहा हूं. अगले डेढ़-दो साल तक मैं कुछ लव स्टोरीज पर काम करूंगा. एक फिल्म रितेश बतरा की है तो इसके अलावा एक-दो लव स्टोरी और भी हैं.
Video: 'बाबूमोशाय बंदूकबाज' के कलाकारों से खास मुलाकात
डार्क हैंडसम हीरो हिट हो गया?
हां, हमारी कोशिश सही साबित हो गई है. कभी किसी के कलर को लेकर इश्यू नहीं बनाना चाहिए क्योंकि यह कुछ अजीब लगता है. टैलेंट की कद्र होनी चाहिए, कलर कोई मायने नहीं रखता है.
बाबूमोशाय बंदूकबाज की हिट होने की वजह आप क्या मानना है?
हमारी फिल्म एडल्ट होने की वजह से बड़ी संख्या मे दर्शक वैसे ही अलग हो गए थे. लेकिन स्मॉल टाउन के यूथ ने हमारी फिल्म को हिट बनाया क्योंकि छोटे शहरों के 90 फीसदी लौंडे हमारे जैसे ही हैं. यही वजह रही कि फिल्म को एमपी, बिहार, यूपी के छोटे शहरों से खूब रिस्पॉन्स मिला. फिल्म में हर तरह का मसाला भी था. इसलिए यूथ को फिल्म देखने में खूब मजा आया.
आपको नहीं लगता, यह कामयाबी का सफर थोड़ा मुश्किल था क्योंकि फिल्म के लीक होने की अफवाह भी उड़ी थी?
एक गड़बड़ यह है कि छोटी फिल्म को रिस्पेक्ट नहीं मिलती है. सब यह कहकर नजरअंदाज करने की कोशिश करते हैं कि अरे यह तो छोटी फिल्म है. समझना चाहिए कि छोटी फिल्म में भी उतनी ही मेहनत लगती है, जितनी बड़ी में. यहां भी लोग मेहनत करते हैं और उनका भी पैशन होता है.
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तो क्या बड़ी फिल्में अच्छी नहीं होतीं?
नहीं ऐसी कोई बात नहीं है. आजकल बड़ी फिल्में भी बदल रही हैं. उनका कंटेंट भी सॉलिड हो रहा है. आप देखिए शाहरुख गैंगस्टर का काम करने से भी झिझकते नहीं हैं.
आपकी यह सोलो हिट है, क्या अब बड़े बजट की फिल्मों की ओर रुख करेंगे?
बिल्कुल नहीं. मेरा फोकस हमेशा से कंटेंट पर रहा है. अगर फिल्म का बजट जीरो भी हो तो भी मुझे फर्क नहीं पड़ता लेकिन कंटेंट में दम होना चाहिए और मेरी पसंद का हो.
आने वाली फिल्मों में यही तेवर बने रहेंगे या कुछ चेंज करेंगे?
अब मैं फ्लेवर चेंज कर रहा हूं. अगले डेढ़-दो साल तक मैं कुछ लव स्टोरीज पर काम करूंगा. एक फिल्म रितेश बतरा की है तो इसके अलावा एक-दो लव स्टोरी और भी हैं.
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