कहानी
सेजल (अनुष्का शर्मा) अपने परिवार के साथ यूरोप घूमने आती है और यहां इनका गाइड है हैरी ( शाहरुख खान), वापस लौटते वक्त सेजल को अहसास होता है कि उसकी सगाई की अंगूठी कहीं खो गई है, इसीलिए वो अपने परिवार के साथ वापस नहीं जाती और अपने गाइड यानी हैरी को मजबूर करती है कि वो उसकी अंगूठी ढूंढने में मदद करें और फिर अंगूठी के चक्कर में ये एक से दूसरी जगह जाते हैं और इनके बीच प्यार पनपने लगता है.
ये भी पढ़ें: 'जब हैरी मेट सेजल' के फर्स्ट डे फर्स्ट शो का आंखों देखा हाल
कास्ट
शाहरुख खान, अनुष्का शर्मा, चंदन रॉय सान्याल, अरु कृषअंश स्टारर इस फिल्म को लिखा और इसका निर्देशन किया है इम्तियाज अली ने. फिल्म का संगीत प्रीतम ने दिया है.
खामियां
इस फिल्म की सबसे बड़ी खामी है इसकी कहानी जोकि ना के बराबर है और ऐसा लगता है कि इम्तियाज अली अपनी ही फिल्मों का रीमेक बना रहे हैं. फिल्म इंटरवल से पहले और इंटरवल के बाद कई जगह धीमी पड़ती है. फिल्म लम्बी लगती है और स्क्रीन्प्ले में काफी केंची चलाई जा सकती थी.
ये भी पढ़ें: इन 5 खामियों ने शाहरुख-अनुष्का की 'जब हैरी मेट सेजल' का मजा किया किरकिरा...
खूबियां
फिल्म की सबसे बड़ी खूबी है इसकी परफॉर्मेंसेस. शाहरुख ने बेहतरीन अभिनय किया है और कई जगह उनके री-एक्शन्स काबिल-ए-तारीफ हैं. वही मुझे लगता है कि अनुष्का की ये अब तक की सबसे अच्छी परफॉर्मेंस है, क्योंकि सहज भाव से अभिनय करना सबसे मुश्किल काम होता है और यहां अनुष्का ने एक गुजराती लड़की का सुर ना छोड़ते हुए बड़ी सहजता से काम किया है. इसके अलावा इस फिल्म का संगीत और लोकेशन्स दोनों अच्छे हैं. ये फिल्म मोमेंट्स के जरिए आगे बढ़ती है. यह शाहरुख और अनुष्का के स्टारडम और उनका अभिनय है, जो आपको थोड़ा बांध के रखती है. मेरी तरफ से इस फिल्म को 2.5 स्टार्स. ...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
सेजल (अनुष्का शर्मा) अपने परिवार के साथ यूरोप घूमने आती है और यहां इनका गाइड है हैरी ( शाहरुख खान), वापस लौटते वक्त सेजल को अहसास होता है कि उसकी सगाई की अंगूठी कहीं खो गई है, इसीलिए वो अपने परिवार के साथ वापस नहीं जाती और अपने गाइड यानी हैरी को मजबूर करती है कि वो उसकी अंगूठी ढूंढने में मदद करें और फिर अंगूठी के चक्कर में ये एक से दूसरी जगह जाते हैं और इनके बीच प्यार पनपने लगता है.
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कास्ट
शाहरुख खान, अनुष्का शर्मा, चंदन रॉय सान्याल, अरु कृषअंश स्टारर इस फिल्म को लिखा और इसका निर्देशन किया है इम्तियाज अली ने. फिल्म का संगीत प्रीतम ने दिया है.
खामियां
इस फिल्म की सबसे बड़ी खामी है इसकी कहानी जोकि ना के बराबर है और ऐसा लगता है कि इम्तियाज अली अपनी ही फिल्मों का रीमेक बना रहे हैं. फिल्म इंटरवल से पहले और इंटरवल के बाद कई जगह धीमी पड़ती है. फिल्म लम्बी लगती है और स्क्रीन्प्ले में काफी केंची चलाई जा सकती थी.
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खूबियां
फिल्म की सबसे बड़ी खूबी है इसकी परफॉर्मेंसेस. शाहरुख ने बेहतरीन अभिनय किया है और कई जगह उनके री-एक्शन्स काबिल-ए-तारीफ हैं. वही मुझे लगता है कि अनुष्का की ये अब तक की सबसे अच्छी परफॉर्मेंस है, क्योंकि सहज भाव से अभिनय करना सबसे मुश्किल काम होता है और यहां अनुष्का ने एक गुजराती लड़की का सुर ना छोड़ते हुए बड़ी सहजता से काम किया है. इसके अलावा इस फिल्म का संगीत और लोकेशन्स दोनों अच्छे हैं. ये फिल्म मोमेंट्स के जरिए आगे बढ़ती है. यह शाहरुख और अनुष्का के स्टारडम और उनका अभिनय है, जो आपको थोड़ा बांध के रखती है. मेरी तरफ से इस फिल्म को 2.5 स्टार्स. ...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
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