फिल्म मोहंजो दारो में हृतिक रोशन और पूजा हेगड़े
मुंबई:
फिल्म मोहंजोदारो ने बॉक्स ऑफिस पर भले ही कोई बड़ा करिश्मा नहीं दिखाया हो मगर इसे सम्मान मिल रहा है। इस फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग 69वें लोकर्नो फिल्म फेस्टिवल के भव्य समापन समारोह पियाजा ग्रेनाडे में हुआ। किसी भी भारतीय फिल्म के लिए सम्मान की बात है।
आपको बता दें कि पियाजा ग्रेनाडे एक ओपन एयर थियेटर है जहां मुख्यधारा के दर्शकों के साथ-साथ प्रतिष्ठित लेखकों और फिल्म निर्माताओं के लिए फिल्मों की विशेष स्क्रीनिंग की जाती है। मोहेंजो दारो की ना सिर्फ भव्य स्क्रीनिंग की गई बल्कि वहां मौजूद लोगों ने इसे खासा पसंद किया।
आशुतोष गोवारिकर के लिए यह स्क्रीनिंग किसी देजा वू (माहौल की पुनरावृत्ति) से कम नहीं था। ठीक 15 साल पहले उनकी फिल्म लगान की विशेष स्क्रीनिंग हुई थी। लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में लगान को दिखाया जाना फिल्म के लिए पहली अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि थी। इसी समापन समारोह के दौरान ही लगान को विदेशी फिल्म श्रेणी के लिए नामांकित किया गया था। लगान बॉलीवुड की वो आखिरी फिल्म बनी जिसने आखिरी पांच में अपनी जगह मुकम्मल की थी।
2016 लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में आशुतोष ने एक पूरा दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस और कई मीडिया संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। मोहंजोदारो के महाम यानी कबीर बेदी यहां प्रेसवार्ता के दौरान अपनी इटालियन भाषा के लिए एक बार फिर चर्चा में रहे। उन्होंने इटालियन मीडिया के सारे सवालों का जवाब इटालियन भाषा में ही दिया। जो कि कबीर की वहां की मीडिया में अपनी एक अलग ही पहचान है।
लोकार्नों फिल्म फेस्टिवल में किसी भी फिल्ममेकर्स को अपनी फिल्म प्रदर्शित करना बड़े प्रतिष्ठा की बात मानी जाती है। और आशुतोष को दोबारा यह मौका मिला। इस मौके पर आशुतोष ने फिल्म फेस्टिवल का धन्यवाद देते हुए कहा “मैं भाग्यशाली हूं जो मुझे इस फेस्टिवल में दोबारा आने का मौका मिला। जब लगान पियाजा ग्रेनाडे की भव्य स्क्रीन पर दिखाई गई थी तो गौरान्वित महसूस हुआ था उस दौरान लगान को 8000 से ज्यादा अलग-अलग देशों के लोगों ने देखा और सराहा था। आज की शानदार शाम भी कुछ वैसी ही रही, जहां कई देशों के लोगों ने मोहंजोदारो को देखा।'
प्रोड्यूसर सुनीता गोवारिकर के लिए लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल भी खास रहा। उन्होंने कहा “जब मैं और आशुतोष लगान के लिए लोकार्नो आए थे। तो वह एक गौरव का पल था, जहां पियाजा में 8000 से ज्यादा लोगों ने फिल्म को देखा था और फिल्म के बारे में बात की थी। लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल मेरे दिल में बतौर निर्माता खास जगह रखता है। मैं बता नहीं सकती कि किसी फिल्म के लिए इस तरह के अंतरराष्ट्रीय मंच के क्या मायने होते हैं।”
आपको बता दें कि पियाजा ग्रेनाडे एक ओपन एयर थियेटर है जहां मुख्यधारा के दर्शकों के साथ-साथ प्रतिष्ठित लेखकों और फिल्म निर्माताओं के लिए फिल्मों की विशेष स्क्रीनिंग की जाती है। मोहेंजो दारो की ना सिर्फ भव्य स्क्रीनिंग की गई बल्कि वहां मौजूद लोगों ने इसे खासा पसंद किया।
आशुतोष गोवारिकर के लिए यह स्क्रीनिंग किसी देजा वू (माहौल की पुनरावृत्ति) से कम नहीं था। ठीक 15 साल पहले उनकी फिल्म लगान की विशेष स्क्रीनिंग हुई थी। लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में लगान को दिखाया जाना फिल्म के लिए पहली अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि थी। इसी समापन समारोह के दौरान ही लगान को विदेशी फिल्म श्रेणी के लिए नामांकित किया गया था। लगान बॉलीवुड की वो आखिरी फिल्म बनी जिसने आखिरी पांच में अपनी जगह मुकम्मल की थी।
2016 लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में आशुतोष ने एक पूरा दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस और कई मीडिया संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। मोहंजोदारो के महाम यानी कबीर बेदी यहां प्रेसवार्ता के दौरान अपनी इटालियन भाषा के लिए एक बार फिर चर्चा में रहे। उन्होंने इटालियन मीडिया के सारे सवालों का जवाब इटालियन भाषा में ही दिया। जो कि कबीर की वहां की मीडिया में अपनी एक अलग ही पहचान है।
लोकार्नों फिल्म फेस्टिवल में किसी भी फिल्ममेकर्स को अपनी फिल्म प्रदर्शित करना बड़े प्रतिष्ठा की बात मानी जाती है। और आशुतोष को दोबारा यह मौका मिला। इस मौके पर आशुतोष ने फिल्म फेस्टिवल का धन्यवाद देते हुए कहा “मैं भाग्यशाली हूं जो मुझे इस फेस्टिवल में दोबारा आने का मौका मिला। जब लगान पियाजा ग्रेनाडे की भव्य स्क्रीन पर दिखाई गई थी तो गौरान्वित महसूस हुआ था उस दौरान लगान को 8000 से ज्यादा अलग-अलग देशों के लोगों ने देखा और सराहा था। आज की शानदार शाम भी कुछ वैसी ही रही, जहां कई देशों के लोगों ने मोहंजोदारो को देखा।'
प्रोड्यूसर सुनीता गोवारिकर के लिए लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल भी खास रहा। उन्होंने कहा “जब मैं और आशुतोष लगान के लिए लोकार्नो आए थे। तो वह एक गौरव का पल था, जहां पियाजा में 8000 से ज्यादा लोगों ने फिल्म को देखा था और फिल्म के बारे में बात की थी। लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल मेरे दिल में बतौर निर्माता खास जगह रखता है। मैं बता नहीं सकती कि किसी फिल्म के लिए इस तरह के अंतरराष्ट्रीय मंच के क्या मायने होते हैं।”
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