'कॉफी विद करण' में कबीर खान, इम्तियाज अली और जोया अख्तर.
नई दिल्ली:
'कॉफी विद करण' का इस सप्ताह का डायरेक्टर स्पेशल एपिसोड कई मायनों में खास रहा. इस एपिसोड में कबीर खान, इम्तियाज अली और जोया अख्तर ने अपने फिल्मी सफर, फिल्मों में अपनी शुरुआत और अभिनेताओं-निर्माताओं से मिले शुरुआती रिजेक्शन के बारे में बातचीत की. तीनों ने फिल्म क्रिटीक से लेकर फिल्मों के गानों और डायलॉग्स तक के बारे में बात की. कबीर खान को बाहरी होने की वजह से ब्रेक पाने में परेशानी हुई तो वहीं फिल्मी परिवार से होने के बावजूद जोया अख्तर को बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की बातें समझ नहीं आती थीं.
कबीर खान की पहली फिल्म 'काबुल एक्सप्रेस' थी, उन्होंने बताया कि उन्हें फिल्म के लिए प्रोड्यूसर ढूंढने में काफी परेशानी हुई थी. उन्होंने कहा कि वह दिल्ली से आए थे, डॉक्यूमेंट्री बनाते थे. उनके दोस्तों ने कहा था कि वह किसी को यह न बताएं कि वह डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर हैं. कबीर खान ने बताया कि निर्माता उनकी फिल्मों को पसंद करते थे पर कहते थे बहुत अच्छी है पर कोई इनवेस्ट करने के लिए तैयार नहीं था. उन्होंने कहा कि किस्मत अच्छी थी कि उन्हें आदित्य चोपड़ा मिले और उन्होंने उनको मौका दिया.
वहीं अपने स्ट्रगल के बारे में बात करते हुए इम्तियाज अली ने बताया कि 'जब वी मेट' के लिए कोई भी एक्टर तैयार नहीं हो रहा था. ऐसे में उन्हें लगने लगा था कि फिल्म किसी को पसंद नहीं आ रही है मतलब यह अच्छा नहीं करेगी. हालांकि उनके मन में यह ख्याल भी था कि जब एक्टर को फिल्म समझ नहीं आ रही है तो वह उसे उतने अच्छे से कैसे निभाएगा. हालांकि बाद में उस रोल के लिए शाहिद कपूर राजी हुए और आज 'जब वी मेट' बॉलीवुड के आइकॉनिक फिल्मों में शामिल हो गई है.
वहीं जोया ने कहा कि उन्हें फिल्म अभिनेताओं के रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि उन्हें कई कलाकार बहुत अच्छे लगते हैं और वह उनके साथ काम करना चाहती हैं लेकिन उनके साथ काम करना उनकी जिंदगी का मकसद नहीं है. उन्होंने कहा कि वह फिल्म बनाना चाहती हैं इसलिए इंडस्ट्री में हैं. उन्होंने बताया कि 'दिल धड़कने दो' के लिए जब वह हीरोइनों के पास बहन का रोल, जिसे प्रियंका चोपड़ा ने निभाया था, लेकर जाती थीं तो उन्हें समझ नहीं आता था कि सिस्टर के रोल के लिए उन्हें पता नहीं कैसे कपड़े पहनने होंगे.
कबीर खान की पहली फिल्म 'काबुल एक्सप्रेस' थी, उन्होंने बताया कि उन्हें फिल्म के लिए प्रोड्यूसर ढूंढने में काफी परेशानी हुई थी. उन्होंने कहा कि वह दिल्ली से आए थे, डॉक्यूमेंट्री बनाते थे. उनके दोस्तों ने कहा था कि वह किसी को यह न बताएं कि वह डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर हैं. कबीर खान ने बताया कि निर्माता उनकी फिल्मों को पसंद करते थे पर कहते थे बहुत अच्छी है पर कोई इनवेस्ट करने के लिए तैयार नहीं था. उन्होंने कहा कि किस्मत अच्छी थी कि उन्हें आदित्य चोपड़ा मिले और उन्होंने उनको मौका दिया.
वहीं अपने स्ट्रगल के बारे में बात करते हुए इम्तियाज अली ने बताया कि 'जब वी मेट' के लिए कोई भी एक्टर तैयार नहीं हो रहा था. ऐसे में उन्हें लगने लगा था कि फिल्म किसी को पसंद नहीं आ रही है मतलब यह अच्छा नहीं करेगी. हालांकि उनके मन में यह ख्याल भी था कि जब एक्टर को फिल्म समझ नहीं आ रही है तो वह उसे उतने अच्छे से कैसे निभाएगा. हालांकि बाद में उस रोल के लिए शाहिद कपूर राजी हुए और आज 'जब वी मेट' बॉलीवुड के आइकॉनिक फिल्मों में शामिल हो गई है.
वहीं जोया ने कहा कि उन्हें फिल्म अभिनेताओं के रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि उन्हें कई कलाकार बहुत अच्छे लगते हैं और वह उनके साथ काम करना चाहती हैं लेकिन उनके साथ काम करना उनकी जिंदगी का मकसद नहीं है. उन्होंने कहा कि वह फिल्म बनाना चाहती हैं इसलिए इंडस्ट्री में हैं. उन्होंने बताया कि 'दिल धड़कने दो' के लिए जब वह हीरोइनों के पास बहन का रोल, जिसे प्रियंका चोपड़ा ने निभाया था, लेकर जाती थीं तो उन्हें समझ नहीं आता था कि सिस्टर के रोल के लिए उन्हें पता नहीं कैसे कपड़े पहनने होंगे.
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