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अनुपम का अभिनय अच्छा है, अक्षय ने भी ठीक काम किया है, लेकिन बाज़ी मारी है मनोज वाजपेयी ने... जिमी शेरगिल और दिव्या दत्ता ने किरदारों के साथ न्याय किया है, लेकिन काजल अग्रवाल का किरदार अगर नहीं होता, तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता...
नीरज पांडे अच्छे निर्देशक हैं, यह बात उन्होंने अपनी पहली ही फिल्म 'ए वेडनसडे' में साबित कर दी थी, और अब 'स्पेशल 26' में भी कहानी को वास्तविकता के करीब रखकर उन्होंने अक्लमंदी का काम किया है, लेकिन कुछ दिक्कत फिल्म की कहानी में है... दरअसल, आपको पहले से पता होगा कि कहानी नकली सीबीआई अफसरों और उनके द्वारा लूटे गए लोगों से जुड़ी है, इसलिए फिल्म के पहले हिस्से में सिर्फ और सिर्फ यही दिखाई देगा कि किस सफाई से अक्षय और अनुपम लोगों को बेवकूफ बनाते हैं... इस दौरान कहीं भी ऐसा कोई हाई-प्वाइंट नहीं आता, जहां आप 'वाह' कह उठें... वैसे फिल्म कुछ जगह आपके चेहरे पर मुस्कुराहट ले आती है...
अनुपम का अभिनय अच्छा है, अक्षय ने भी ठीक काम किया है, लेकिन अभिनय के मैदान में एक बार फिर बाज़ी मारी है मनोज वाजपेयी ने... जिमी शेरगिल और दिव्या दत्ता ने अपने-अपने किरदारों के साथ न्याय किया है, लेकिन फिल्म की हीरोइन काजल और उनका किरदार अगर फिल्म में नहीं भी होता, तो कोई खास फर्क नहीं पड़ता... नीरज शायद समर्शियल सिनेमा के दबाव के आगे झुक गए... खैर, फिल्म का क्लाइमैक्स आपको वाकई चौंका देगा... फिल्म का बैकग्राउंड म्यूज़िक भी दमदार है... कुल मिलाकर देखने लायक फिल्म है 'स्पेशल 26', और इस फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है - 3 स्टार...
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