विज्ञापन
This Article is From Oct 19, 2012

कम बजट में बड़ा संदेश देती 'शूद्र - द राइज़िन्ग'

मुंबई: आज ही रिलीज़ हुई है, कम बजट वाली 'शूद्र - द राइज़िन्ग', जिसमें डायरेक्टर से लेकर एक्टर, म्यूज़िक डायरेक्टर और सिनेमेटोग्राफ़र तक करीब-करीब सभी लोग पहली बार किसी फिल्म में काम कर रहे हैं...

फिल्म की कहानी आपको ले जाएगी प्राचीन भारत में, जहां छुआछूत जैसी प्रथाओं से शूद्र समाज आहत था... जहां ज़मींदारों के अन्याय के खिलाफ शूद्र समाज के कुछ लोग हथियार उठाते हैं और ज़मींदारों के गुस्से की आग में झुलसता है पूरा शूद्र समाज... कहानी को पर्दे पर बखूबी उतारा गया है, फिर चाहे वह पानी के लिए जद्दोजहद हो, मंत्रों के जाप पर रोक हो या फिर शूद्र समाज की महिलाओं के साथ ज़ोर-जबरदस्ती...

शूद्र समाज पर अत्याचार की कहानियां हमने बहुत सुनी हैं, इसलिए कहानी कुछ नया तो नहीं कहती, लेकिन बांधे रखती है... फिल्म के सभी कलाकार नए हैं, परन्तु चूंकि रंगमंच से हैं, इसीलिए फिल्म में कहीं-कहीं उनके अभिनय में स्टेज की झलक भी ज़रूर दिखती है... बैकग्राउंड म्यूज़िक और उसके बोल खासतौर पर प्रभाव डालते हैं...

बस, इस फिल्म में दो ही बातों की कमी महसूस हुई - पहला, फिल्म का सुर, जो एक ही लेवल पर चलता है... दूसरा, इसके डायलॉग, जो बेहतर लिखे जा सकते थे... वैसे कुल मिलाकर एक अच्छी नीयत से बनाई गई है यह फिल्म, जो समाज को एक संदेश देती है और साबित करती है कि कम बजट और कम सुविधाओं के साथ भी बड़ा संदेश दिया जा सकता है... इस फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है - 3 स्टार...

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Shudra - The Rising, Shoodra - The Rising, शूद्र - द राइज़िन्ग, शूद्र - द राइज़िंग, शूद्र - द राइजिंग, Sanjiv Jaiswal, संजीव जायसवाल, फिल्म समीक्षा, फिल्म रिव्यू, Film Review, प्रशांत सिसौदिया, Prashant Shishodiya, Prashant Sisodiya
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com