मुंबई:
बाजीराव मस्तानी और दिलवाले की तूती देश विदेश में गूंज रही है। फ़िल्मों से दर्शक ख़ुश हैं और बॉक्स ऑफ़िस पर क्लेक्शन बढ़ रहा है, तो ज़ाहिर है निर्माता और निर्देशक भी खुश हैं। दोनो फ़िल्में देश विदेश में अच्छा कारोबार कर रही हैं। हालांकि क्लेक्शन के मामले में दिलवाले अभी बाजीराव मस्तानी से आगे है। दिलवाले ने दुनिया भर मे अब तक 273.5 करोड़ रुपये की कमाई की है और बाजीराव मस्तानी ने कमाए हैं 188.19 करोड़ रुपये।
यहां गौर करने वाली बात यह है कि क्या ये दोनों फ़िल्मे अपनी लागत निकाल कर फ़ायदे का सोदा साबित होंगी। बाजीराव मस्तानी और दिलवाले, इन दोनों ही फ़िल्मों का बजट करीब 140 करोड़ रुपये के आस-पास है और अगर ब्रांड विंडो यानी वह पैसा जो फ़िल्म में इस्तेमाल किए गए प्रॉडक्ट्स के प्रचार से कमाया जाता है, उसे छोड़ दें और सैटेलाइट राइट्स को भी अलग कर दें तो दोनो फ़िल्मों को सिनेमाघरों से अपनी लागत निकालने के लिए करीब 280 करोड़ कमाने की ज़रूरत है।
अब अगर बात करें दिलवाले की, तो उसमें ब्रांड विंडो की काफ़ी जगह थी और ज़ाहिर है अभिनेता शाहरुख़ जैसे सुलझे हुए बिज़नेस मैन ने इसका इस्तेमाल करके फ़िल्म को किसी भी रिस्क से बचाया होगा। वैसे भी यह फ़िल्म अभी अच्छा कारोबार कर रही है, जो कि आने वाले दिनों में छुट्टीयों के की वजह से बढ़ेगा ही। इसके अलावा फिल्म का संगीत भी काफी हिट है और ऐसे में म्युज़िक राइट्स से भी फिल्म को खासा मुनाफा हुआ होगा।
दूसरी तरफ़ बाजीराव मस्तानी की बात करें तो यह फ़िल्म ब्रांड विंडो के मामले में पिछड़ गई, क्योंकी पीरीयड फ़िल्म होने के कारण इसमें आप किसी प्रॉडक्ट का प्रचार नहीं कर सकते। ब्रांड विंडो के ज़रीए मिला पैसा एक बड़ी राशी होती है, मसलन अगर हम क्रिश 3 की बात करें तो करीब 100 करोड़ इस फ़िल्म ने सिर्फ़ ब्रांड विंडो के ज़रीए कमाए थे, जो कि एक बड़ी राशी है।
अब देखना यह है कि कुल मिलाकर कमाई के मामले में कौन सी फ़िल्म बाज़ी मारती है, दिलवाले या बाजीराव मस्तानी? सारे आंकड़े देखें तो अभी दिलवाले फ़ायदे में नज़र आ रही है।
यहां गौर करने वाली बात यह है कि क्या ये दोनों फ़िल्मे अपनी लागत निकाल कर फ़ायदे का सोदा साबित होंगी। बाजीराव मस्तानी और दिलवाले, इन दोनों ही फ़िल्मों का बजट करीब 140 करोड़ रुपये के आस-पास है और अगर ब्रांड विंडो यानी वह पैसा जो फ़िल्म में इस्तेमाल किए गए प्रॉडक्ट्स के प्रचार से कमाया जाता है, उसे छोड़ दें और सैटेलाइट राइट्स को भी अलग कर दें तो दोनो फ़िल्मों को सिनेमाघरों से अपनी लागत निकालने के लिए करीब 280 करोड़ कमाने की ज़रूरत है।
अब अगर बात करें दिलवाले की, तो उसमें ब्रांड विंडो की काफ़ी जगह थी और ज़ाहिर है अभिनेता शाहरुख़ जैसे सुलझे हुए बिज़नेस मैन ने इसका इस्तेमाल करके फ़िल्म को किसी भी रिस्क से बचाया होगा। वैसे भी यह फ़िल्म अभी अच्छा कारोबार कर रही है, जो कि आने वाले दिनों में छुट्टीयों के की वजह से बढ़ेगा ही। इसके अलावा फिल्म का संगीत भी काफी हिट है और ऐसे में म्युज़िक राइट्स से भी फिल्म को खासा मुनाफा हुआ होगा।
दूसरी तरफ़ बाजीराव मस्तानी की बात करें तो यह फ़िल्म ब्रांड विंडो के मामले में पिछड़ गई, क्योंकी पीरीयड फ़िल्म होने के कारण इसमें आप किसी प्रॉडक्ट का प्रचार नहीं कर सकते। ब्रांड विंडो के ज़रीए मिला पैसा एक बड़ी राशी होती है, मसलन अगर हम क्रिश 3 की बात करें तो करीब 100 करोड़ इस फ़िल्म ने सिर्फ़ ब्रांड विंडो के ज़रीए कमाए थे, जो कि एक बड़ी राशी है।
अब देखना यह है कि कुल मिलाकर कमाई के मामले में कौन सी फ़िल्म बाज़ी मारती है, दिलवाले या बाजीराव मस्तानी? सारे आंकड़े देखें तो अभी दिलवाले फ़ायदे में नज़र आ रही है।
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