प्रतीकात्मक फोटो
मुंबई:
इस फिल्मी फ्राइडे रिलीज हुई है 'ऑल इज़ वेल'। फिल्म के निर्देशक हैं उमेश शुक्ला जो इससे पहले 'ओ माय गॉड' बना चुके हैं। फिल्म में मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं अभिषेक बच्चन, ऋषि कपूर, आसिन, सुप्रिया पाठक और ज़ीशान ने।
'ऑल इज वेल' कहानी है एक ऐसे बेटे की है जो अपने मां बाप के झगड़ों से परेशान होकर अपने करियर के लिए विदेश चला जाता है और कई सालों तक उनकी सुध नहीं लेता। फिर किसी कारण उसे वापस अपने मां बाप के पास लौटना पड़ता है।
घर वापसी के बाद उसकी उलझन और मसला सुलझाने की ये कहानी कॉमेडी के रूप में पेश की गई है जिसमें इस दौर के मां बाप के लिए संदेश भी है। बात फिल्म की खूबियों और खामियों की। पहले भाग में फिल्म की रफ्तार धीमी है।
कई लंबे सीन्स हैं जिनपर कैंची चलाई जा सकती थी। फिल्म का सुर डगमगाया सा दिखा। ऑल इज वेल भावुक सीन्स में एक संजीदा फ़िल्म नज़र आती है, कॉमेडी सीन्स में तमाशा सी दिखती है। हालांकि ये मेरा नज़रिया है हो सकता है जिन सीन्स पर मुझे हंसी नहीं आई शायद आपको आ सकती है।
अब बात खूबियों की। उमेश शुक्ला ने हंसाते-हंसाते फिल्म में एक अच्छा संदेश दिया है। फिल्म की कहानी मुझे अच्छी लगी और उसे कलाकारों ने बखूबी निभाया भी, फिर चाहे वो ऋषि कपूर हों, अभिषेक,सुप्रिया पाठक या फिर जीशान।
फिल्म के कई सीन्स आपकी आंखें नम भी करेंगे और आपकी कॉमेडी का ज़ायका फ़िल्म से मेल खाए तो कई सीन्स आपको हंसाएंगे भी। गानों की बात करें तो 'नाम फ़र्राटे' और 'तू मिलादे' मुझे अच्छे लगे। मेरी ओर से फ़िल्म को 3 स्टार्स।
'ऑल इज वेल' कहानी है एक ऐसे बेटे की है जो अपने मां बाप के झगड़ों से परेशान होकर अपने करियर के लिए विदेश चला जाता है और कई सालों तक उनकी सुध नहीं लेता। फिर किसी कारण उसे वापस अपने मां बाप के पास लौटना पड़ता है।
घर वापसी के बाद उसकी उलझन और मसला सुलझाने की ये कहानी कॉमेडी के रूप में पेश की गई है जिसमें इस दौर के मां बाप के लिए संदेश भी है। बात फिल्म की खूबियों और खामियों की। पहले भाग में फिल्म की रफ्तार धीमी है।
कई लंबे सीन्स हैं जिनपर कैंची चलाई जा सकती थी। फिल्म का सुर डगमगाया सा दिखा। ऑल इज वेल भावुक सीन्स में एक संजीदा फ़िल्म नज़र आती है, कॉमेडी सीन्स में तमाशा सी दिखती है। हालांकि ये मेरा नज़रिया है हो सकता है जिन सीन्स पर मुझे हंसी नहीं आई शायद आपको आ सकती है।
अब बात खूबियों की। उमेश शुक्ला ने हंसाते-हंसाते फिल्म में एक अच्छा संदेश दिया है। फिल्म की कहानी मुझे अच्छी लगी और उसे कलाकारों ने बखूबी निभाया भी, फिर चाहे वो ऋषि कपूर हों, अभिषेक,सुप्रिया पाठक या फिर जीशान।
फिल्म के कई सीन्स आपकी आंखें नम भी करेंगे और आपकी कॉमेडी का ज़ायका फ़िल्म से मेल खाए तो कई सीन्स आपको हंसाएंगे भी। गानों की बात करें तो 'नाम फ़र्राटे' और 'तू मिलादे' मुझे अच्छे लगे। मेरी ओर से फ़िल्म को 3 स्टार्स।
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