चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष द्वारा पेश किये गये महाभियोग प्रस्ताव को राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया है. अब इसके बाद कांग्रेस के बाद सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प बचता है और कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों से बातचीत के बाद सुप्रीम कोर्ट का रूख कर सकती है.
महाभियोग प्रस्ताव से जुड़ी दस बड़ी बातें
- बताया जा रहा है कि महाभियोग प्रस्ताव पर सात रिटायर्ड सासंदों के दस्तखत होने की वजह से राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.
- राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू को चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव में किसी तरह का मेरिट नहीं दिखा. इसलिए उन्होंने तकनीकी आधार पर इस प्रस्ताव को खारिज किया है.
- वहीं, वेंकैया नायडू ने फैसला देने के बाद कहा कि दुर्व्यवहार या नाकाबलियत के बारे में ठोस, विश्वसनीय जानकारी नहीं है. मुझे लगा कि इस मामले को लंबा खींचना उचित नहीं है. यह तकनीकी तौर पर किसी भी तरह से मंजूर करने लायक नहीं है.
- इस महाभियोग पर फैसला लेने से पहले वेंकैया नायडू ने संविधान विशेषज्ञों से काफी विचार विमर्श किया. बता दें कि कांग्रेस सहित सात विपक्षी दलों ने यह महाभियोग प्रस्ताव दिया था.
- सभापति ने प्रस्ताव खारिज करने के जो आधार तय किये हैं उमसें यह भी है कि सांसदों ने हैंडबुक में उल्लेखित नियमों का ध्यान नहीं रखा और प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
- वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सभापति के पास मेरिट के आधार पर रिजेक्ट करने का अधिकार नहीं. उन्होंने इस फैसले को असंवैधानिक बताया है.
- कांग्रेस के पीएल पुणिया ने कहा कि यह वास्तव में एक महत्वपूर्ण मामला है. हम नहीं जानते कि इसे क्यों खारिज किया गया. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल कुछ कानूनी विशेषज्ञों से बात करेंगे और अगला कदम उठाएंगे. अब कांग्रेस के पास सिर्फ सुप्रीम कोर्ट जाने का ही विकल्प बचता है.
- राज्यसभा के सभापति ने प्रस्ताव को खारिज करने के लिए आदेश जारी किया है, जो दस पेज का हैं. जिसमें 22 प्वाइंट्स हैं, जिसके आधार पर इस प्रस्ताव का खारिज किया गया है.
- सूत्रों के मुताबिक रविवार को उपराष्ट्रपति संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप के अलावा लोकसभा के महासचिव, पूर्व विधि सचिव पीके मल्होत्रा, पूर्व विधाई सचिव संजय सिंह और राज्यसभा सचिववालय के अधिकारियों से बातचीत की है. इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी से भी राय ली.
- गौरतलब है कि शुक्रवार को कांग्रेस सहित सात विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति नायडू को न्यायमूर्ति मिश्रा के खिलाफ कदाचार का आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए महाभियोग का नोटिस दिया था.