नई दिल्ली/पठानकोट:
पठानकोट में 60 घंटे बीत जाने के बाद भी आतंकियों के खिलाफ अभियान खत्म नहीं हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, एयरफोर्स बेस पर अभी और आतंकियों के छुपे होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकते। वहीं एनएसजी ने पांच आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की है।
पठानकोट आतंकी हमले से जुड़े दस ताजा अपडेट
- वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'आतंकी वायुसेना स्टेशन पर मौजूद साजो सामान को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। वे फिदायीन दस्ते का हिस्सा था।' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने 'तेजी से कदम' उठाया और नुकसान को कम किया। वित्तमंत्री ने कहा, 'हमारा लक्ष्य आतंकियों को जीवित पकड़ने का था। चूंकी एयरफोर्स बेस काफी बड़ा है, इसलिए इसमें काफी समय लगा।'
- इससे पहले एनएसजी के वरिष्ठ एक अधिकारी ने कहा, 'हमने पांचवें आतंकी को मार गिराया है और फिलहाल कॉम्बिंग ऑपरेशन चल रहा है।' एनएसजी ने बताया कि सभी परिवार सुरक्षित हैं और 'एयरबेस के सारे साजो सामान भी सुरक्षित हैं'।
- सोमवार सुबह सूचना मिली थी कि जिस इमारत में वायुसेना कर्मी रहते हैं, वहां दो आतंकी छुपे हुए हैं। इसके बाद बाकी बचे आतंकियों के खात्मे के लिए सैन्य अभियान दोबारा शुरू हुआ और उस इमारत को तोप से उड़ा दिया गया। सूत्रों ने कहा कि छठे आतंकी के मारे जाने की पुष्टि अभी नहीं हो पायी है। इस इमारत से बुरी तरह झुलसा हुआ एक शव भी मिला है और उसकी पहचान के लिए फॉरेसिंक विभाग के पास भेज दिया गया है।
- एनएसजी अधिकारी ने कहा कि बेस पर तलाशी एवं सफाई अभियान की समाप्ति तक ऑपरेशन जारी रहेगा। इलाके में छानबीन पूरी होने के बाद ही ऑपरेशन खत्म होने की घोषणा की जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि शनिवार तड़के आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला कर दिया था। इस हमले के बाद जवाब कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने चार आतंकियों को शनिवार को ही मार गिराया था। सरकार की ओर से सुरक्षा बलों को साफ कह दिया गया है कि इस ऑपरेशन को बेहद सावधानी से और जान-माल के नुकसान के बगैर अंजाम दिया जाए। साथ ही किसी न किसी आतंकवादी को ज़िंदा पकड़ने की भी कोशिश की जाए।
- खुफिया एजेंसियों को मिले कॉल रिकॉर्ड्स में पता चला है कि आतंकी एयरफोर्स स्टेशन पर दो अलग-अलग समूहों में दाखिल हुए। इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान में अपने हैण्डलरों से बातचीत की। इस बातचीत में आतंकियों के आका ने कहा कि तुम पीछे क्यों रह गए। वायुसेना स्टेशन की तलाशी में पता चला है कि परिसर में एक तरफ चारदीवारी का हिस्सा कटा हुआ है। संभावना है कि आतंकियों का एक गुट इसमें से भी घुसा हो। इससे पहले आतंकवादियों के गटर के रास्ते घुसने की बात पता चली थी। जांच में यह खुलासा हुआ है कि सभी आतंकी 31 दिसंबर से पहले ही भारत में घुस आए थे। यह जानकारी उनकी कॉल डिटेल को खंगालने के बाद सामने आई है।
- अब सरकार और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और सरकार की कोशिश यह पता लगाने की है कि क्या इस हमले में पाकिस्तान सरकार का सीधा हाथ है या फिर यह नापाक हरकत केवल आतंकी संगठन जैश की है। ज़ाहिर है इन तथ्यों के हाथ में आने के बाद ही पता चलेगा कि पाकिस्तान के प्रति मोदी सरकार का रुख़ क्या होता है।
- इससे पहले शुक्रवार को जिस एसपी और उनके साथ सफर कर रहे बावर्ची को आतंकियों ने अगवा किया था, उनसे एनआईए ने उनसे पूछताछ की। संभावना ये जताई जा रही है कि आतंकी 2 गुटों में बंट गए थे। गृह मंत्रालय ने बीएसएफ से घुसपैठ के रास्तों पर रिपोर्ट मांगी है।
- बीएसएफ के मुताबिक, ये आतंकी राबी नदी के दक्षिणी छोर से घुसे हो सकते हैं। फ़िलहाल NIA और NSG की टीम मौक़े पर है। पूरे एयरबेस इलाक़े में सर्च ऑपरेशन जारी है।
- शनिवार तड़के पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले में सात जवान शहीद हो चुके हैं। बता दें कि आतंकियों के पास भारी मात्रा में हथियार थे। उनके पास से AK-47, ग्रेनेड लॉन्चर, 52 एमएम के मोर्टार और जीपीएस लोकेटर्स बरामद हुए हैं। आतंकियों की एयरबेस में एंट्री ड्रोन के ज़रिए डिटेक्ट हुई।