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Lok Sabha Election 2019 : वो 10 सवाल, जिनका 23 मई को लोकसभा चुनाव नतीजों के साथ मिल जाएगा जवाब

आइये उन 10 सवालों पर नजर डालते हैं, जिनका जवाब 23 मई को लोकसभा चुनाव नतीजों के साथ ही मिल जाएगा.

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Lok Sabha Election 2019 : लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई को आ जाएंगे. (प्रतिकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. चुनाव आयोग ने 17वें लोकसभा (Lok Sabha Election 2019) के लिए आम चुनाव की तरीखों का ऐलान कर दिया है. रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने तारीखों की घोषणा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की. 11 अप्रैल से शुरु होने वाला चुनावी समर एक महीने से अधिक समय तक चलेगा. जिसमें एक ओर भाजपा फिर से सत्तारूढ़ होने का हरसंभव प्रयास करेगी, वहीं विपक्षी दल एकजुट होकर मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने की भरसक कोशिश करेंगे. इस बार लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई को आएंगे. इसके साथ उन तमाम सवालों के जवाब भी मिल जाएंगे जिनको लेकर विपक्ष सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार पर निशाना साधता रहा है. इस बार लोकसभा चुनाव में विपक्ष एकता का लिटमस टेस्ट भी हो रहा है और 23 मई को आने वाले नतीजों से यह साफ हो जाएगा कि यह टेस्ट सफल रहा है या नही. फिलहाल आइये उन 10 सवालों पर नजर डालते हैं, जिनका जवाब 23 मई को लोकसभा चुनाव नतीजों के साथ ही मिल जाएगा.

इन 10 सवालों के मिल जाएंगे जवाब

  1. राफेल सौदे को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार को घेरता रहा है. खासकर, कांग्रेस सीधा आरोप लगाती रही है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने जानबूझ कर सौदे में हेरफेर किया. जिसकी वजह से अनिल अंबानी को फायदा हुआ. 23 मई को आने वाले नतीजों से साफ होगा कि जनता ने किस पर यकीन किया, नरेंद्र मोदी सरकार या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी...?
  2.  मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष एकजुट है. स्थानीय स्तर पर भी गठबंधन हुए हैं, हालांकि पीएम मोदी इसे नकारते रहे हैं. नतीजों से साफ होगा कि देशभर में महागठबंधन वास्तव में काम आया, या सचमुच 'महामिलावट' साबित हुआ...?
  3. सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर एयर स्ट्राइक तक, केंद्र सरकार ने आतंकवाद पर कड़ा रुख अख़्तियार किया. सीमा पार जाकर आतंकियों पर कार्रवाई की गई. ऐसे में इस बात का भी जवाब मिलेगा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में नरेंद्र मोदी सरकार का 'कड़ा' रुख जनता को भाया या नहीं...?
  4. नोटबंदी एक ऐसा मुद्दा है, जिसपर विपक्ष मोदी सरकार को लगातार घेरता रहा है. विपक्ष का दावा है कि नोटबंदी की वजह से अर्थव्यवस्था चौपट हो गई. अब चुनाव नतीजों से पता लगेगा कि नोटबंदी करना नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धि थी या गलती...?
  5.   नोटबंदी की ही तरह GST के मुद्दे पर भी विपक्ष मुखर रहा और सरकार पर यह आरोप लगाया कि इससे भारी तादाद में नौकरियां चली गईं. उद्योग-धंधे चौपट हुए. 23 मई को आने वाले नतीजों से पता लगेगा कि जीएसटी लागू करना नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धि थी या गलती...?
  6. हर भारतीय के बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा करवाने के वादे का पूरा नहीं हो पाना नरेंद्र मोदी सरकार के लिए मुसीबत बना या नहीं...?
  7. मोदी सरकार ने इंस्टैंट तीन तलाक को खत्म करने का बड़ा कदम उठाया और अपने इस कदम को महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर बताया. इन चुनाव नतीजों से यह भी साफ होगा कि इंस्टैंट तीन तलाक को खत्म करने के लिए अध्यादेश लाने से नरेंद्र मोदी सरकार को लाभ हुआ या नहीं...?
  8. चुनाव में विपक्षी दलों का भी लिटमस टेस्ट होगा. दिल्ली की बात करें तो यहां अभी तक कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन की चर्चा ही चल रही है, लेकिन कोई गठबंधन नहीं हो पाया है. अब चुनाव नतीजों से पता चलेगा कि कांग्रेस द्वारा दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) का हाथ नहीं थामना गलती थी या समझदारी...?
  9. मोदी सरकार को विपक्ष ने सुरक्षा व्यवस्था के मुद्दे पर भी घेरा. खासकर मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर चौतरफा आलोचना हुई. चुनाव नतीजे बताएंगे कि मॉब लिंचिंग की ढेरों वारदात को लेकर जनता ने नरेंद्र मोदी सरकार का पक्ष स्वीकार किया या नहीं...?
  10. विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर नफरत फैलाने का आरोप लगाता रहा. हालांकि सरकार इसको नकारती रही. ऐसे में इन चुनाव नतीजों से साफ होगा कि सरकार क्या असहिष्णुता का सवाल खड़ा करने वालों को समझाने में कामयाब रही या नहीं...?

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