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भारत के सहयोग से बने ईरान के चाबहार बंदरगाह का हुआ उद्घाटन, पाकिस्‍तान के लिए इसलिए है बुरी खबर...

इस्लामिक रिपब्लिक न्यूज एजेंसी (आईआरएनए) के मुताबिक ईरान के दक्षिण-पूर्व में सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत स्थित बंदरगाह के उद्घाटन समारोह में 17 देशों के 60 विदेशी मेहमानों ने शिरकत की थी.

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ईरान का चाबहार बंदरगाह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली/तेहरान:

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने रविवार को देश के दक्षिण पूर्वी तट पर स्थित रणनीतिक महत्व के चाबहार बंदरगाह पर नव निर्मित विस्तार क्षेत्र का उद्घाटन किया. ओमान की खाड़ी से लगे चाबहार बंदरगाह की मदद से भारत अब पाकिस्तान का रास्ता बचा कर ईरान और अफगानिस्तान के साथ एक आसान और नया व्यापारिक मार्ग अपना सकता है. चाबहार बंदरगाह के इस पहले चरण को शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह के तौर पर भी जाना जाता है. ईरान के सरकारी टीवी ने कहा कि उद्घाटन समारोह में भारत, कतर, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और अन्य देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए.

पढ़ें चाबहार बंदरगाह से जुड़ी खास बातें

  1. ओमान सागर में अवस्थित चाबहार बंदरगाह प्रांत की राजधानी जाहेदान से 645 किलोमीटर दूर है और मध्य एशिया व अफगानिस्तान को सिस्तान-बलूचिस्तान से जोड़ने वाला एक मात्र बंदरगाह है. विदेश मंत्रालय के अनुसार समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व पोत परिवहन राज्यमंत्री पी राधाकृष्णन ने किया.
  2. इस विस्तार से इस बंदरगाह की क्षमता तीन गुना बढ़ जाएगी और यह पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में निर्माणाधीन ग्‍वादर बंदरगाह के लिए एक बड़ी चुनौती होगा.
  3. ईरान के राष्‍ट्रपति हसन रूहानी ने प्रतिद्वंद्विता की बात को हल्का करते हुए अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि इससे आसपास के क्षेत्रीय देशों के बीच ‘सम्पर्क और एकता’ बढ़ेगी.
  4. उन्होंने कहा, ‘‘हमें सकारात्मक प्रतिस्पर्धा के लिए आगे बढ़ना चाहिए. हम क्षेत्र में अन्य बंदरगाहों का स्वागत करते हैं, हम ग्‍वादर के विकास का भी स्वागत करते हैं.’’
  5. इस 34 करोड़ डॉलर की परियोजना का निर्माण ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड (सेना) से संबद्ध कंपनी खातम अल-अनबिया कर रही है. यह सरकारी निर्माण परियोजना का ठेका पाने वाली ईरान की सबसे बड़ी कंपनी है.
  6. ठेका पाने वालों में कई छोटी कंपनियां भी शामिल हैं जिनमें भारत की एक सरकारी कंपनी भी शामिल है. इस बंदरगाह की सालाना मालवहन क्षमता 85 लाख टन होगी जो अभी 25 लाख टन है. इस विस्तार में पांच नई गोदिया हैं जिनमें से दो पर कंटेनर वाले जहाजों के लिए सुविधा दी गई है.
  7. भारत ने पिछले साल इस बदंरगाह और इससे जुड़ी रेल एवं सड़क परियोजनाओं के लिए 50 करोड़ डॉलर की सहायता के लिए प्रतिबद्धता जतायी थी.
  8. भारत के लिए यह बंदरगाह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे भारत के लिए पश्चिमी एशिया से जुड़ने का सीधा रास्ता उपलब्ध कराएगा और इसमें पाकिस्तान का कोई दखल नहीं होगा.
  9. चाबहार के खुलने से भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच व्यापार को बड़ा सहारा मिलेगा.
  10. उल्लेखनीय है कि पिछले महीने भारत ने अफगानिस्तान को गेहूं से भरा पहला जहाज इसी बंदरगाह के रास्ते भेजा था.


VIDEO: क्या ग्वादर का जवाब है चाबहार

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