आयकर विभाग ने इस बार फॉर्म में बदलाव किए हैं.
नई दिल्ली:
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट या कहें आयकर विभाग ने इस साल आम करदाताओं और आईटीआर फाइल करने वाले लोगों के लिए नया आईटीआर सरल फॉर्म जारी किया है. इस फॉर्म में पिछले फॉर्म की तुलना में कुछ बदलाव किए गए हैं. साथ ही इस फॉर्म कुछ नई जानकारी भी करदाताओं से मांगी गई है.
आइए पढ़ें इस नए फॉर्म मांगी गई डिटेल के बारे में
- आय कर विभाग के अनुसार, नए फॉर्म में कुछ नई डिटेल भी मांगी गई है. अब टैक्सपेयर्स को अपना सैलरी स्ट्रक्चर (फॉर्म 16 की जानकारी के अनुसार) और प्रॉपर्टी से अगर कुछ इनकम हुई है तो वह भी बताना होगा.
- ITR -2 फॉर्म : व्यक्तिगत लोगों और हिंदू अविभाजित परिवारों के लिए, जिनकी आमदनी कारोबार या पेशे से अलग हटकर किसी अन्य मद से आती है, के लिए ITR- 2 को भी तर्कसंगत किया गया है.
- ऐसे व्यक्तिगत लोग या हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) जिनकी आमदनी का स्रोत कारोबार या कोई पेशा है, उन्हें या तो ITR- 3 या ITR- 4 फॉर्म भरना होगा.
- एनआरआई लोगों को कुछ राहत दी गई है.
- अनिवासी लोगों के लिए किसी विदेशी बैंक खाते की जानकारी मांगी गई है ताकि रिफंड करने में आसानी है और इन लोगों को सुविधा हो.
- इस बार आयकर रिटर्न फार्म में कुछ बदलाव भी किए गए हैं. पिछली बार जो जमा की गयी नकदी का ब्योरा आयकर विभाग ने असेसमेंट ईयर 2017-18 के फार्म में मांगा था, (एक कॉलम रखा गया था) उसे असेसमेंट ईयर 2018-19 के फार्म से हटा दिया गया है. अब करदाताओं को यह नहीं देना होगा.
- आईटीआर फॉर्म को भरने के तरीके में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यह पिछली बार के हिसाब से ही है.
- विभाग के अनुसार नए आईटीआर फॉर्म को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ही भरा जाना है.
- आयकर विभाग ने एक अन्य रिटर्न फार्म आइटीआर-2 भी अधिसूचित किया है जिसे ऐसे व्यक्तिगत करदाता दाखिल कर सकते हैं जिनकी आय व्यवसाय या पेशे से इतर दूसरे स्रोतों से है. वहीं व्यवसाय करने वाले करदाता व पेशेवर आइटीआर फार्म -3 या आइटीआर फार्म -4 (सुगम) (अनुमानित आय के मामले में) भर सकेंगे. इन्हें इलेक्ट्रॉनिक फिलिंग से छूट दी गई है.
- पिछले साल की तरह इस साल भी आयकर रिटर्न ऑनलाइन दाखिल होंगे लेकिन आयकर विभाग ने दो श्रेणी के करदाताओं को ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने की अनिवार्यता से छूट भी प्रदान की है. 80 वर्ष या इससे अधिक उम्र के व्यक्तिगत करदाता ऑनलाइन के अलावा पेपर रिटर्न भी दाखिल कर सकेंगे. इसी तरह जिन व्यक्तिगत करदाताओं की सालाना आय पांच लाख रुपये से अधिक नहीं है, उन्हें भी पेपर रिटर्न भरने की इजाजत होगी, लेकिन पेपर रिटर्न से वे रिफंड का दावा नहीं कर पाएंगे.