नई दिल्ली में शुक्रवार को जीएसटी परिषद की 22वीं बैठक आयोजित की गई
नई दिल्ली:
जीएसटी काउंसिल की नई दिल्ली में 22वीं बैठक आहुत की गई. यह बैठक जीएसटी लागू होने के तीन महीनों के दौरान हुए अनुभवों को साझा करने तथा इस दौरान आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए बुलाई गई थी. वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई काउंसिल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए.
जीएसटी परिषद की बैठक की 10 प्रमुख बातें-
- निर्यातकों को जल्द रिफंड दिया जाएगा. इसके तहत जुलाई में रिटर्न दाखिल करने वालों को 10 अक्टूबर से तथा अगस्त में दाखिल करने वालों को 18 अक्टूबर से मिलेगा रिफंड.
- निर्यातकों को पहली अप्रैल, 2018 से मिलेगा ई- वॉलेट. रिफंड की एक तय राशि एडवांस में दी जाएगी ई- वॉलेट में.
- कंपोजिशिन स्कीम के तहत अब 75 लाख के स्थान पर एक करोड़ की टर्न ओवर वाले कारोबारी आएंगे दायरे में.
- कंपोजिशन स्कीम में कारोबारी को एक फीसदी, निर्माता को दो और रेस्टोरेंट कारोबारी को देना होगा 5 फीसदी टैक्स.
- ई-वे बिल कर्नाटक में शुरू हो चुका है. उनका अनुभव अच्छा रहा है. पहली अप्रैल से इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा.
- सर्विस दाता, जिनका टर्न ओवर 20 लाख से कम है, उन्हें इंटर स्टेट सर्विस टैक्स से हटाया गया है.
- 24 वस्तुओं पर टैक्स की दरों में बदलाव. गुजराती खाकरा और चपाति पर 12 से 5, बच्चों के फूड पैकेट 18 से 5 फीसदी टैक्स किया गया है.
- सर्विस सैक्टर में जॉब वर्क 5 फीसदी टैक्स के दायरे में लाए गए है. ज़री के काम पर 5 फीसदी टैक्स.
- मानव निर्मित धागे पर टैक्स 18 से घटाकर 12 फीसदी किया गया है. इसका कपड़ा उद्योग पर असर होगा.
- स्टेशनरी के सामान पर टैक्स 28 से 18, डीजल इंजन के पार्ट्स पर 28 से 18 और ई-वेस्ट 28 से घटाकर 5 फीसदी टैक्स तय किया गया है.