कहते हैं कि सारे देवताओं में शिव ऐसे देव हैं जो अपने भक्तों की भक्ति और पूजा से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं.
नई दिल्ली:
आज के दिन को अगर शिवजी की पूजा का सबसे बड़ा और पावन दिन कहें तो गलत नहीं होगा. इस दिन शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ जमा हो जाती है. लोग सुबह से ही मंदिरों के बारह लाइनें लगाकर खड़े हुए हैं. भगत पूरी श्रद्वा और आस्था के साथ भगवान शिव की पूजा करते है. कहते हैं कि सारे देवताओं में शिव ऐसे देव हैं जो अपने भक्तों की भक्ति और पूजा से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. महाशिवरात्रि के दिन मंदिरों में काफी रौनक नजर आती है. इतना ही नहीं कुछ मंदिरों में तो भजन कीर्तन का आयोजन भी किया जाता है और झांकियों भी निकाली जाती हैं. इन झांकियों के माध्यम से शिव लीलाओं का प्रदर्शन किया जाता है.
पूजा और मुहूर्त का समय
निशिथ काल पूजा- 24:08 से 24:59
पारण का समय- 06:54 से 15:24 (25 फरवरी)
चतुर्दशी तिथि आरंभ- 21:38 (24 फरवरी)
चतुर्दशी तिथि समाप्त- 21:20 (25 फरवरी)
आज के दिन कई अविवाहित लड़कियां व्रत करके अच्छे पति की कामना करती हैं. ऐसी मान्यता है कि आज ही के दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था.
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार समुद्र से जहर निकला, जिसे देखकर सब देवी और देवता बेहद डर गए. उन्हें लगा कि अब दुनिया का अंत हो जाएगा. अपने इस भय के साथ सभी देवता शिवजी के पास पहुंचे. तब भगवान शिव ने वह जहर पी लिया. भगवान शिव ने यह जहर निगलने की बजाय अपने गले में ही रख लिया, यही कारण है कि शिव जी का गला नीला दिखाया गया है. इसी कारण इन्हें नीलकंठ भी कहा जाता है.
पूजा और मुहूर्त का समय
निशिथ काल पूजा- 24:08 से 24:59
पारण का समय- 06:54 से 15:24 (25 फरवरी)
चतुर्दशी तिथि आरंभ- 21:38 (24 फरवरी)
चतुर्दशी तिथि समाप्त- 21:20 (25 फरवरी)
आज के दिन कई अविवाहित लड़कियां व्रत करके अच्छे पति की कामना करती हैं. ऐसी मान्यता है कि आज ही के दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था.
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार समुद्र से जहर निकला, जिसे देखकर सब देवी और देवता बेहद डर गए. उन्हें लगा कि अब दुनिया का अंत हो जाएगा. अपने इस भय के साथ सभी देवता शिवजी के पास पहुंचे. तब भगवान शिव ने वह जहर पी लिया. भगवान शिव ने यह जहर निगलने की बजाय अपने गले में ही रख लिया, यही कारण है कि शिव जी का गला नीला दिखाया गया है. इसी कारण इन्हें नीलकंठ भी कहा जाता है.
Mahashivratri 2017: पूरी करनी है अपनी मनोकामना तो शिवलिंग पर न चढ़ाएं ये 7 चीजें
मध्य प्रदेश में महाशिवरात्रि का पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. पूजा-अर्चना और अनुष्ठान का दौर जारी है. भोजपुर शिव मंदिर से लेकर महाकाल के दरबार और अन्य शिवालयों में अलसुबह से ही श्रद्घालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है. राजधानी के करीब स्थित भेाजपुर के शिव मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर पूजा-अर्चना करने दूर-दूर से श्रद्घालु पहुंच रहे हैं और अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना कर रहे हैं. यहां पहुंच रहे भक्तगण धतूरा, विल्व पत्र अर्पित कर रहे हैं और हर-हर महादेव के जयकारे हर तरफ सुनाई दे रहे हैं.
मध्य प्रदेश में महाशिवरात्रि का पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. पूजा-अर्चना और अनुष्ठान का दौर जारी है. भोजपुर शिव मंदिर से लेकर महाकाल के दरबार और अन्य शिवालयों में अलसुबह से ही श्रद्घालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है. राजधानी के करीब स्थित भेाजपुर के शिव मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर पूजा-अर्चना करने दूर-दूर से श्रद्घालु पहुंच रहे हैं और अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना कर रहे हैं. यहां पहुंच रहे भक्तगण धतूरा, विल्व पत्र अर्पित कर रहे हैं और हर-हर महादेव के जयकारे हर तरफ सुनाई दे रहे हैं.
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