Vivah Muhurat November 2022: नवंबर में शादी के लिए ये तिथियां हैं बेहद शुभ, जानें विवाह के लिए शुभ मुहूर्त और तारीख

Vivah Muhurat November 2022: कार्तिक मास के देवउठनी एकादशी के बाद शादी के लिए शुभ मुहूर्त शुरू हो जाते हैं. इस साल नवंबर के महीने में शादी के लिए 4 शुभ मुहूर्त हैं.

Vivah Muhurat November 2022: नवंबर में शादी के लिए ये तिथियां हैं बेहद शुभ, जानें विवाह के लिए शुभ मुहूर्त और तारीख

Vivah Muhurat November 2022: नवंबर में देवउठनी एकादशी पर नहीं है शादी के लिए मुहूर्त.

Vivah Muhurat November 2022: कार्तिक का महीना चल रहा. कार्तिक मास की एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीनों के बाद योगनिद्रा से जागते हैं. भगवान विष्णु को योगनिद्रा से जागने के बाद शादी-विवाह समेत सभी मांगलिक कार्यों का सिलसिला शुरू हो जाता है. इसके अलावा कार्तिक मास की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहते हैं. इस दिन से शुभ और मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं. इस साल देवउठनी एकादशी 04 नवंबर, शुक्रवार को है. देवउठनी एकादशी के अगले दिन तुलसी विवाह मनाया जाता है. इस साल तुलसी विवाह 05 नवंबर, शनिवार को है. आइए जानते हैं नवंबर 2022 में शादी के लिए शुभ मुहूर्तों के बारे में.

देवउठनी एकदशी पर नहीं है शादी का मुहूर्त


आमतौर पर देवउठनी एकादशी के दिन शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त रहता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल देवउठनी एकादशी 04 नवंबर 2022 को है. इस साल देवउठनी एकादशी के दिन विवाह के लिए शुभ मुहू्त नहीं है. दरअसल इस दिन सूर्य की स्थिति शादी के लिहाज से अच्छी नहीं है. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों की मानें तो इस दिन सूर्य वृश्चिक राशि में नहीं रहेंगे. इसलिए देवउठनी एकादशी के दिन शादी नहीं होगी. 

शादी मुहूर्त नवंबर, 2022 | Vivah Muhurat November, 2022

21 नवंबर 2022, सोमवार
24 नवंबर 2022, गुरुवार
25 नवंबर 2022, शुक्रवार
27 नवंबर 2022, रविवार

शादी मुहूर्त, दिसंबर 2022 | Vivah Muhurat December 2022

2 दिसंबर 2022, शुक्रवार
7 दिसंबर 2022, बुधवार
8 दिसंबर 2022, गुरुवार
9 दिसंबर 2022, शुक्रवार
14 दिसंबर 2022, बुधवार

देवउठनी एकादशी पर किए जाते हैं शुभ कार्य

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी, प्रबोधनी या देवोत्थान एकादशी कहते हैं. इसके पहले आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है. इस दिन से भगवान विष्णु अगले चार महीनों के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं. फिर भगवान विष्णु कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन जागते हैं. जब तक भगवान विष्ण शयन में रहते हैं, उस बीच शादी जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. वहीं जब भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं तो शादी-विवाह का सिलसिला शुरू हो जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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