Shani Jayanti 2022: ज्येष्ठ मास (Jyeshtha Maas) की अमावस्या (Amavasya) को शनि देव (Shani Dev) का जन्म हुआ था, इसी वजह से यह दिन शनि जयंती (Shani Jayanti 2022) के रूप में मनाई जाती है. पंचाग के मुताबिक इस साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या (Jyeshtha Amavasya 2022) 30 मई को पड़ रही है और इस दिन शनि जयंती (Shani Jayanti) मनाई जाएगी. शनि जयंती (Shani Jayanti 2022) की खास बात यह है कि इस दिन शनि देव (Shani Dev) कुंभ राशि (Aquarius) में रहेंगे. ज्योतिष के मुताबिक कुंभ राशि (Aquarius) पर शनि देव का अधिपत्य रहता है. मान्यता है कि शन जयंती के दिन जो भक्त शनि देव की पूजा करते हैं, उन पर शनि की विशेष कृपा रहती है. साथ ही जीवन के संकट दूर हो जाते हैं. शनि जयंती पर शनि देव की पूजा किस प्रकार कि जाती है और इस दिन कौन-कौन से खास काम किए जाते हैं, इसके बारे में जानते हैं.
2022 में शनि जयंती कब है | Shani Jayanti 2022 Date
अधिकांश लोग शनि देव के बारे में मानते हैं कि वे लोगों का सिर्फ बुरा करते हैं, लेकिन वस्तुस्थिति इससे अलग है. मान्यता है शनि देव इंसान को उसके कर्मों का फल देते हैं. इसलिए उन्हें कर्मफल दाता कहा जाता है. मान्यता है कि शनि देव जिस पर शनि देव प्रसन्न होते हैं, उसके जीवन में उन्नति की राह आसान हो जाती है. पंचांग के मुताबिक इस बार शनि जयंती 30 मई सोमवार को मनाई जाएगी. वहीं ज्येष्ठ अमावस्या की तिथि 29 मई को दोपहर 2 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर 30 मई को शाम 4 बजकर 59 मिनट तक रहेगी.
शनि जयंती पर कैसे करें शनि देव की पूजा | Shani Jayanti Pujan Vidhi
शनि जयंती के दिन सुबह स्नान करने के बाद शनि मंदिर में जाकर शनि देव को नीले पुष्प, सरसों का तेल और काली उड़द चढ़ाई जाती है. इसके बाद शनि देव की प्रतिमा के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है. शनि चालीसा या शनि स्तोत्र का पाठ किया जाता है. इसके बाद शनि देव के मंत्रों का जाप किया जाता है. मान्यता है कि इस तरह से शनि देव की पूजा करने पर प्रभु प्रसन्न होते हैं और भक्तों की इच्छा पूरी करते हैं.
शन जयंती पर किया जाता है इन चीजों का दान
धार्मिक मान्यतानुसार शनि देव इंसान के कर्मों के मालिक हैं. यानि जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है, शनि देव उसे वैसा फल देते हैं. शनि जयंती पर दान का विशेष महत्व है. इस दिन गरीबों को जरुरत का सामान दान करने से शनि देन प्रसन्न होते हैं. शनि जयंती के दिन विशेष रूप से काले तिल, काली उड़द, काले वस्त्र और भोजन सामग्रियों का दान किया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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