दक्षिण कश्मीर में अमरनाथ (Amarnath) की तीर्थयात्रा शांतिपूर्ण रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए इस साल जम्मू-कश्मीर को अतिरिक्त केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल उपलब्ध कराया गया है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक एम के सिन्हा ने कहा कि पिछले सालों के मुकाबले ज्यादा बल उपलब्ध कराए जाने से घुसपैठ रोधी ग्रिड को मजबूत करने में, पूरे राजमार्ग पर किसी तरह का अवरोध दूर करने वाले दस्ते की तैनाती और तीर्थयात्रियों के शिविरों के आसपास सुरक्षा मजबूत करने में मदद मिली है.
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उन्होंने कहा कि पुलिस, एसडीआरएफ और मजिस्ट्रेट वाले छह विशेष दलों को रामबण जिले में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास उन इलाकों में तैनात किया जाएगा जहां भूस्खलन की आशंका अधिक होती है ताकि यात्रा के दौरान कम से कम अवरोध उत्पन्न हो.
सिन्हा ने कहा, "यात्रा पर किसी तरह के खतरे के बारे में कोई विशिष्ट सूचना नहीं मिली है. लेकिन तीर्थयात्रा के दौरान चूंकि ऐसी आशंकाएं बढ़ जाती हैं इसलिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. हमें पिछले सालों की तुलना में इस बार अतिरिक्त केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल मिला है और उसी अनुसार पक्के इंतजाम किए गए हैं."
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वहीं, अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर जम्मू रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि श्रद्धालु बिना किसी डर के धार्मिक यात्रा पर आएं क्योंकि राज्य में सुरक्षा स्थिति देश के बाकी क्षेत्रों जितनी ही अच्छी है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रेलवे, रंजीत सिंह साम्बयाल ने यह भी कहा कि सभी आने और जाने वाली ट्रेनों तथा यात्रियों के सामान की जांच की जाएगी. इसके लिए विस्फोटकों का पता लगाने के काम में विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान दल को लगाया गया है.
कुल 46 दिन तक चलने वाली यह धार्मिक यात्रा दो रास्तों से शुरू हो रही है. इनमें से पहला अनंतनाग जिले में परंपरागत पहलगाम मार्ग और दूसरा गंदेरबल जिले का बालटाल मार्ग है जो पहलगाम मार्ग से छोटा है.
वार्षिक अमरनाथ यात्रा एक जुलाई को शुरू होगी और 15 अगस्त तक चलेगी.
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