
जगन्नाथ मंदिर के महाप्रसाद का बड़ा महत्व है
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जगन्नाथ मंदिर में भक्तों को 'महाप्रसाद' नहीं मिल पाया
इस बात को लेकर विधायकों ने जमकर हंगामा किया
विधायक मंदिर के कुप्रबंधन से नाराज थे
अब भक्तों को नहीं मिलेगा मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश
विपक्ष के नेता नरसिंह मिश्रा ने कहा, 'यह दुखद है कि देव अनुष्ठान में देरी हुई, जबकि हजारों भक्तों को महाप्रसाद नहीं मिला. यह संबंधित अधिकारियों की लापहरवाही की वजह से हुआ.'
बीजेपी विधायक प्रदीप पुरोहित ने कहा कि सेवक हड़ताल पर हैं और राज्य सरकार गहरी नींद में हैं. उन्होंने अनुष्ठान में गड़बड़ी को लेकर कार्रवाई की मांग की. सत्तारूढ़ पार्टी के मुख्य सचेतक अमर प्रसाद सत्पथी ने कहा कि सरकार को इसकी जानकारी है और वह इस मुद्दे पर कदम उठा रही है.
34 साल बाद खोला गया जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार
अनुष्ठान में देरी के कारण सोमवार को तैयार किए गए 'महाप्रसाद' की बिक्री नहीं हो सकी. इस 'महाप्रसाद' को मंगलवार को कोली बैकुंठ में डाल दिया गया.
उड़ीसा हाईकोर्ट ने हाल ही में न्यायमूर्ति बी.पी.दास आयोग की श्रीमंदिर सुधार पर सिफारिशों में एक को लागू करने का आदेश दिया, जिसमें कहा गया कि सेवकों के अलावा किसी को भीतरा काठा से आगे जाने की इजाजत नहीं होगी. सेवक ही 'गर्भगृह' का अनुष्ठान करते हैं.
एसजेटीए के प्रमुख प्रशासक प्रदीप जेना ने सेवकों से मंदिर के सुचारू अनुष्ठान में सहयोग का अनुरोध किया है.
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