Bihu 2023: पूरी दुनिया भले ही नए साल की खुशियां 31 दिसंबर और 1 जनवरी के दिन नए साल का जश्न (New Year Celebration) मनाते हैं. लेकिन असम (Assam) समेत पूर्वोत्तर के राज्य में नए साल की छठा अप्रैल में बिखरती है. असमिया नया साल 14 या 15 अप्रैल को मनाया जाता है. आमतौर पर अप्रैल का दूसरा सप्ताह पूर्वोत्तर के अधिकांश हिस्सों में नए साल के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है. जिसे आम बोलचाल की भाषा में बोहाग या रोंगाली बिहू भी कहा जाता है. इस बार ये पर्व इसलिए खास है क्योंकि इस बार बिहू के दौरान एक विश्व रिकॉर्ड भी कायम होने जा रहा है.
क्या होता है बिहू का त्योहार?
बिहू असम और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों का खास त्योहार है, जो साल में तीन बार मनाया जाता है. इन तीन बीहू के नाम होते हैं रोंगाली, भोगली और कोंगाली बिहू. जिसमें से रोंगाली बिहू का महत्व सबसे ज्यादा माना जाता है. जो 14 और 15 अप्रैल को सेलिब्रेट किया जाएगा. जिस तरह दूसरे प्रांतों में फसल कटाई के वक्त को किसी पर्व के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है. उसी तरह बिहू भी फसल कटाई की खुशी का ही एक पर्व है. इस खास दिन को और खास बनाने के लिए गायों को नई रस्सी से बांधी जाती है. उन्हें इस दिन खुला नहीं छोड़ते बल्कि टोकरी में ही खाने का सामान सजा कर देते है. जिसमें लौकी, बैंगन जैसी सब्जियां शामिल होती हैं. इसके अलावा बड़े पैमाने पर सांस्कृतिक कार्यक्रम कर, पर्व की खुशियां मनाई जाती हैं. जिसमें बिहू डांस खास माना जाता है.
बिहू के मौके पर असम, मणिपुर और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में बिहू डांस भी होता है. इस बार असम में ये पर्व जोर शोर से मनने वाला है. इस डांस में इस बार 11 हजार कलाकार शिरकत करेंगे. असम के केसुरसजाई इंडोर स्टेडियम में होने से इस पर्व से नया विश्व रिकॉर्ड भी कायम होगा.
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