
Rath yatra 2025 : अगर आप इस दौरान उड़ीसा के पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए पहुंचे हुए हैं, तो आपको बता दें कि वहां पर रथ यात्रा के अलावा ऐसी कई और चीजें हैं, जिसे आप एक्सप्लोर कर सकते हैं. जहां जाकर आप अपनी यात्रा को और भी समृद्ध और साकार बना सकते हैं, तो चलिए जानते हैं उन 4 जगहों के बारे में, जो आपको जरूर घूमनी चाहिए...
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पुरी के बीच

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श्री जगन्नाथ मंदिर से बहुत पास एक बीच है. जहां का सनसेट और सनराइज देखने का अनुभव अद्वितीय अनुभव कराएगा. ये बीच सुबह और शाम की सैर के लिए परफेक्ट है. यहां पर जगन्नाथ मंदिर से दर्शन करने के बाद लोग नहाने के लिए भी आते हैं. यह बीच बहुत पवित्र माना जाता है.
चिल्का झील

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आप पुरी की चिल्का झील को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं. यह पुरी से 50 किलो मीटर की दूरी पर है. यह भारत की सबसे बड़े खारे पानी की झील है. अगर आपके पास समय है तो फिर यहां जा सकते हैं. यहां पर आप बोट राइड का भी आनंद ले सकते हैं. सर्दियों में तो पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है.
कोणार्क सूर्य मंदिर
पुरी से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर यह ऐतिहासिक धरोहर यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट है. सूर्य देव को समर्पित यह मंदिर रथ के आकार का है, जो अपनी अद्भुत वास्तुकला और पत्थर की नक्काशी के लिए जाना जाता है. यह आध्यात्म और शिल्पकला का अनूठा संगम है.
रघुराजपुर कलाकार गांव
रघुराजपुर पुरी से केवल 10 किमी दूर है. यह एक पारंपरिक गांव है जो अपनी अनूठी पट्टचित्र कला के लिए प्रसिद्ध है. पट्टचित्र कला रूप मुख्य रूप से रामायण, महाभारत और पुराणों जैसे हिंदू महाकाव्यों की कहानियों को दर्शाता है. कलाकार इन उत्कृष्ट चित्रों को कपड़े के टुकड़ों पर बनाने के लिए प्राकृतिक रंगों का उपयोग करते हैं, जिन्हें स्थानीय भाषा में 'पट्टा' कहा जाता है. इस कला को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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