Pitru Paksha 2022: पितर पक्ष में पूर्वजों को पिंडदान के लिए भादो यानी भाद्रपद (Bhadrapada) का महीना खास होता है. दरअसल 15 दिवसीय पितृ पक्ष का आरंभ भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से होता है. साथ ही इसका समापन आश्विन कृष्ण अमावस्या को होता है. इस साल पितृ पक्ष 10 से 25 सितंबर तक है. अभी से गया में पिंडदान के लिए लोग जुट रहे हैं. धार्मिक मान्यता है कि गया में पितरों के निमित्त पिंडदान या तर्पण करने से उनकी आत्मा मोक्ष मिलता है. भादो कृष्ण पक्ष के दौरान गया में पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए बंगाल के पिंडदानियों की भीड़ उमड़ रही है. अभी तकरीबन 15 से 20 हजार लोग रोज पिंडदान कर रहे हैं. गया में बंगाल के पिंडदानियों की भीड़ 27 अगस्त तक रहेगी.
विष्णुपद मंदिर परिसर में अलग-अलग स्थानों पर बैठकर पिंडदानी कर्मकांड कर रहे हैं. इसके साथ ही हनुमान मंदिर, देवघाट, अक्षयवट में भी काफी संख्या में तीर्थयात्री पिंडदान कर रहे हैं. बीते मंगलवार की सुबह भी विष्णुपद में बंगाल के लोग पिंडदान करते नजर आए. जिसमें से अधिकांश बंगाल के मेदनीपुर जिले के हैं. इसके अलावा गर्भगृह में भी विष्णुचरण पर पिंड अर्पित करने सुबह से दोपहर तक भीड़ रहती है.
गया के स्थानीय लोगों के मुताबिक हर साल भादो माह के कृष्ण पक्ष में बंगाली पिंडदानियों जबरदस्त भीड़ होती है. विशेष रूप से जन्माष्टमी के बाद. बंगाली लोग पितृपक्ष के अलावा भादो के पहले पखवारे को भी पिंडदान को उत्तम मानते हैं. यही कारण है कि इस वक्त गया धाम में तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है. लोग यहां 3 दिन रहकर विष्णुपद, फल्गु, अक्षयवट, प्रेतशिला सहित अन्य वेदियों पर पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के लिए पिंडदान करते हैं. इस वक्त तकरीबन 20 हजार पिंडदानी प्रतिदिन कर्मकांड कर रहे हैं. गया में बंगाली पिंडदानियों की भीड़ भादो अमावस्या तक बनी रहती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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