प्रतीकात्मक चित्र
तिरुपति:
आंध्र प्रदेश के तिरुमाला में स्थित विश्व प्रसिद्ध भगवान वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर की हुण्डी में प्रचलन से बाहर कर दिए गए नोटों को डाला जाना जारी है. मंगलवार को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान पिछले 11 दिनों में 1.7 करोड़ रूपये मूल्य के ऐसे नोट जारी किए गए हैं.
मंदिर सू़त्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सबसे अधिक ऐसे नोट 31 दिसंबर को हुण्डी में डाले गए जिनका कुल मूल्य 44 लाख रूपये था. इससे एक दिन पहले ही 500 और 1000 रूपये के नोटों को बैंकों और डाकघरों में जमा कराने की 50 दिन की अवधि पूरी हुई थी.
लोहड़ी 2017 स्पेशल: जानिए क्या है पंजाब के लोक नायक दुल्ला भट्टी की कहानी
मंदिर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ''यह बहुत ही चकित कर देने वाली बात प्रतीत होती है कि देश भर में बैंकों और डाकघरों में प्रचलन से बंद किए जा चुके नोटों को जमा करने की 50 दिनों की सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी श्रद्धालु भगवान श्रीवेंकटेश्वर मदिर की हुण्डी में वैध नोटों के अलावा प्रचलन से बाहर हो चुके नोटों को भी डाल रहे हैं. इस मन्दिर में प्रति वर्ष दुनिया भर से करीब 2.6 करोड़ श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं.
सूर्य उपासना का विशेष पर्व है मकर संक्रांति, जानिए कहां-कहां कैसे मनाया जाता है यह त्यौहार
उन्होंने कहा कि प्रचलन से बाहर हो चुके नोटों के हुण्डी में अबाधित प्रवाह के कारण पिछले मंगलवार को समाप्त हुए 11 दिनों में कुल 1.7 करोड़ रूपये डाले गए हैं.
आस्था सेक्शन से जुड़े अन्य खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
मंदिर सू़त्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सबसे अधिक ऐसे नोट 31 दिसंबर को हुण्डी में डाले गए जिनका कुल मूल्य 44 लाख रूपये था. इससे एक दिन पहले ही 500 और 1000 रूपये के नोटों को बैंकों और डाकघरों में जमा कराने की 50 दिन की अवधि पूरी हुई थी.
लोहड़ी 2017 स्पेशल: जानिए क्या है पंजाब के लोक नायक दुल्ला भट्टी की कहानी
मंदिर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ''यह बहुत ही चकित कर देने वाली बात प्रतीत होती है कि देश भर में बैंकों और डाकघरों में प्रचलन से बंद किए जा चुके नोटों को जमा करने की 50 दिनों की सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी श्रद्धालु भगवान श्रीवेंकटेश्वर मदिर की हुण्डी में वैध नोटों के अलावा प्रचलन से बाहर हो चुके नोटों को भी डाल रहे हैं. इस मन्दिर में प्रति वर्ष दुनिया भर से करीब 2.6 करोड़ श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं.
सूर्य उपासना का विशेष पर्व है मकर संक्रांति, जानिए कहां-कहां कैसे मनाया जाता है यह त्यौहार
उन्होंने कहा कि प्रचलन से बाहर हो चुके नोटों के हुण्डी में अबाधित प्रवाह के कारण पिछले मंगलवार को समाप्त हुए 11 दिनों में कुल 1.7 करोड़ रूपये डाले गए हैं.
आस्था सेक्शन से जुड़े अन्य खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
तिरुपति बालाजी मंदिर, नोटबंदी में मंदिर में दान, Tirupati Balaji Temple, Demonetization And Donation In Temples