ओडिशा में जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने इस साल की रथ यात्रा का दस्तावेजीकरण करने का फैसला किया है, जो कोविड-19 महामारी के बीच निकाली गई थी. एसजेटीए के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने पुरी में जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति और छत्तीशा निजोग (सेवकों की शीर्ष संस्था) की मंगलवार को हुई बैठक के बाद उक्त जानकारी दी.
कुमार ने कहा कि भावी पीढ़ी के लिए इस साल की रथ यात्रा का वीडियो, तस्वीरों और किताबों के जरिए दस्तावेजीकरण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिन परिस्थितियों में यात्रा का सफलतापूर्वक आयोजन हुआ, उसे देखते हुए 2020 की रथ यात्रा अनूठी थी. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उत्सव के सुचारू रूप से संचालित करने के लिए मंदिर के सेवकों, प्रशासन और ओडिशा के लोगों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने भगवान जगन्नाथ के वार्षिक उत्सव में सहयोग दिया.
पटनायक ने कहा, " भगवान जगन्नाथ अपने भाई और बहन के साथ मंदिर लौट गए. यह भगवान की कृपा से ही संभव हो पाया." गौरतलब है कि इस साल की रथ यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि एसजेटीए को तब अनुमति मिली थी जब यात्रा से जुड़े अनुष्ठान शुरू करने में 24 घंटे से भी कम समय रहा गया था.
उच्चतम न्यायालय ने 18 जून को पुरी और ओडिशा में कहीं भी यह उत्सव आयोजित करने पर रोक लगा दी थी. हालांकि, शीर्ष अदालत ने 22 जून को अपने आदेश में संशोधन किया और यात्रा को सशर्त निकालने की अनुमति दी.
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने बताया कि दस्तावेजीकरण में यह भी शामिल किया जाएगा कि उपयुक्त समय में कैसे तैयारियों को सुचारू रूप से पूरा किया गया. कुमार ने बताया, " इस बार सिर्फ सेवकों ने ही रथ को खींचा जो अपने आप में इतिहास है." उन्होंने कहा कि सारे अनुष्ठान श्रद्धालुओं की अनुपस्थिति में हुए.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं