Narmada Jayanti 2024: भारत में कई नदियां बहती हैं जिन्हें पवित्र माना जाता है और इन नदियों की पूरे श्रद्धाभाव से पूजा भी की जाती है. माना जाता है कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन मां नर्मदा (Ma Narmada) का जन्म हुआ था. इसीलिए मान्यतानुसार हर साल नर्मदा जयंती मनाई जाती है. मध्य प्रदेश के अमरकंटक से नर्मदा नदी का उद्गम होता है. नर्मदा जयंती के दिन मां नर्मदा की पूजा (Narmada Puja) तो होती ही है, इस दिन अन्य पवित्र नदियों का पूजन किया जाता है और नदियों में स्नान करना शुभ मानते हैं.
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नर्मदा जयंती का महत्व
पंचांग के अनुसार इस साल 16 फरवरी, शुक्रवार यानी आज नर्मदा जयंती मनाई जा रही है. नर्मदा जयंती हर साल माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर मनाई जाती है. इस तिथि की शुरूआत 15 फरवरी की सुबह 10 बजकर 12 मिनट पर हुई थी और 16 फरवरी सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर इसका समापन होगा. इस चलते उदयातिथि के मुताबिक नर्मदा जयंती और नर्मदा नदी में स्नान करने का शुभ मुहूर्त 16 फरवरी के दिन है.
नर्मदा जयंती के महत्व की बात करें तो इस दिन पवित्र नदियों में डुबकी लगाना शुभ होता है. कहते हैं ऐसा करने पर घर-परिवार में खुशहाली आती है और जीवन मं सुख-समृद्धि के द्वार खुलते हैं. नदी में स्नान के पश्चात फूल, हल्दी और कुमकुम आदि मां नर्मदा को अर्पित किए जाते हैं. अमरकंटक के उद्गम स्थान होने के चलते नर्मदा नदी की पूजा के लिए इस स्थान को अतिउत्तम माना जाता है.
माना जाता है कि नर्मदा जयंती के दिन नर्मदा नदी में स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है. इससे पुण्यफल की प्राप्ति भी होती है. कहते हैं नाग राजाओं ने मां नर्मदा को यह वरदान दिया था कि नर्मदा नदी में स्नान करने वाले व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलेगी और मोक्ष की प्राप्ति भी होगी. नर्मदा जयंती के दिन नदियों (Rivers) के स्नान से कालसर्प दोष भी दूर हो जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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