Mesh Sankranti: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साल में कुल 12 संक्रांति होती हैं जिनमें मेष संक्रांति का अत्यधिक महत्व होता है. जब सूर्य देव (Surya Dev) किसी एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहते हैं. पंचांग के अनुसार इस वर्ष 14 अप्रैल, शुक्रवार के दिन मेष संक्रांति पड़ रही है. इस दिन सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश कर लेंगे. माना जाता है कि जो लोग पितृ दोष (Pitra Dosh) से परेशान हैं उन्हें दान-पुण्य करने पर कष्टों से मुक्ति मिल सकती है. जानिए कौनसी हैं वो चीजें जिनका दान करना मेष संक्रांति पर अत्यधिक शुभ माना जाता है.
मेष संक्रांति पर पितृ दोष से मुक्ति
पितृ दोष से परेशान लोगों के जीवन में पारिवारिक कठिनाइयां बढ़ जाती हैं. माना जाता है कि जो लोग पितृ दोष से परेशान होते हैं उन्हें मेष संक्रांति के दिन गंगा नदी में पितरों का तर्पण करना चाहिए. गंगा स्नान और तर्पण से पितृ दोष कम होता है. इसके अतिरिक्त, पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए दान में कुछ चीजें देने लाभकारी होता है. मेष संक्रांति के दिन पितृ दोष से परेशान जातक सत्तू, बेल का फल, पंखा, आम का टिकोरा और घड़े में जल भरकर दान में दे सकते हैं.
माना जाता है कि मेष संक्रांति के दिन दान (Daan) करने पर अनन्त पुण्य की प्राप्ति होती है. शहरों में नदियों से दूर रहने वाले लोग इस दिन पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं.
सूर्य के मेष राशि में प्रवेश के पश्चात ही खरमास की समाप्ति भी हो रही है. खरमास शुरू होते ही मांगलिक कार्य ना करने की सलाह दी जाती है. विवाह, मुंडन, पूजा और अन्य मांगलिक कार्य इस दौरान नहीं किए जाते हैं. खरमास (Kharmas) खत्म होने का अर्थ है एकबार फिर मांगलिक कार्य किए जाने शुरू हो जाएंगे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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