फाइल फोटो
महावीर जयंती जैन धर्मावलम्बियों का सबसे प्रमुख पर्व है। यह पर्व कल यानी 19 अप्रैल को मनाया जाएगा। जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर इस धर्म के वास्तविक संस्थापक माने जाते हैं।
महावीर स्वामी जन्म कल्याणक (महावीर जयंती) जैन पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र महीने की शुक्लपक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व के मौके पर जैन मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जा रहा है और अनेक स्थानों पर अहिंसा रैलियां निकालने की तैयारियां की जा रही हैं।
बिहार में निरामिष दिवस...
भगवान महावीर की जयंती को बिहार सरकार ने निरामिष दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए एक अधिसूचना विगत 4 अप्रैल को ही जारी कर दी गई थी।
अधिसूचना के मुताबिक़ राज्य के सभी जिले के डीएम और एसपी अपने-अपने क्षेत्र की सभी मांस-मछली की खरीद-बिक्री की दुकानों को पूर्णतः बंद रखेंगे। जनता का व्यापक समर्थन प्राप्त हो सके इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए गए।
बिहार के कुण्डग्राम में हुआ था महावीर स्वामी का जन्म
भगवान महावीर स्वामी का जन्म 599 ईसा पूर्व (BC) बिहार के कुण्डग्राम नामक एक स्थान पर हुआ था। वर्तमान में यह स्थान राज्य के वैशाली जिले में स्थित है।
उनकी माता का नाम त्रिशला रानी और पिता का नाम सिद्धार्थ था। जैन पुराणों में वर्णन मिलता है कि महावीर के जन्म से पहले उनकी माता ने उनके जन्म से सम्बंधित 16 विशेष स्वप्न देखे थे।
महावीर स्वामी जन्म कल्याणक (महावीर जयंती) जैन पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र महीने की शुक्लपक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व के मौके पर जैन मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जा रहा है और अनेक स्थानों पर अहिंसा रैलियां निकालने की तैयारियां की जा रही हैं।
बिहार में निरामिष दिवस...
भगवान महावीर की जयंती को बिहार सरकार ने निरामिष दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए एक अधिसूचना विगत 4 अप्रैल को ही जारी कर दी गई थी।
अधिसूचना के मुताबिक़ राज्य के सभी जिले के डीएम और एसपी अपने-अपने क्षेत्र की सभी मांस-मछली की खरीद-बिक्री की दुकानों को पूर्णतः बंद रखेंगे। जनता का व्यापक समर्थन प्राप्त हो सके इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए गए।
बिहार के कुण्डग्राम में हुआ था महावीर स्वामी का जन्म
भगवान महावीर स्वामी का जन्म 599 ईसा पूर्व (BC) बिहार के कुण्डग्राम नामक एक स्थान पर हुआ था। वर्तमान में यह स्थान राज्य के वैशाली जिले में स्थित है।
उनकी माता का नाम त्रिशला रानी और पिता का नाम सिद्धार्थ था। जैन पुराणों में वर्णन मिलता है कि महावीर के जन्म से पहले उनकी माता ने उनके जन्म से सम्बंधित 16 विशेष स्वप्न देखे थे।
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