Janmashtami 2018: श्रीकृष्ण का जन्म भादो माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था.
नई दिल्ली:
आज पूरे देश में जन्माष्टमी (Janmashtami) बड़े ही धूमधाम के साथ मनाई जा रही है. लोग नटखट नंदलाल, राधा के श्याम के रंग में रंग चुके हैं. कृष्णजी (Krishna Ji) का जन्म भारत ही नहीं पूरी दुनिया में भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादो माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था. इस बार जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2018) आज के साथ-साथ कल भी मनाई जाएगी. आज जन्माष्टमी (Janmashtami) मंदिरों और ब्राह्मणों के घर पर मनाई जा रही है और कल दूसरे दिन जन्माष्टमी वैष्णव सम्प्रदाय के लोग मनाएंगे.
जन्माष्टमी (Janmashtami 2018) की तिथि और शुभ मुहूर्त
इस बार अष्टमी 2 सितंबर की रात 08:47 पर लगेगी और 3 तारीख की शाम 07:20 पर खत्म हो जाएगी.
अष्टमी तिथि प्रारंभ: 2 सितंबर 2018 को रात 08 बजकर 47 मिनट.
अष्टमी तिथि समाप्त: 3 सितंबर 2018 को शाम 07 बजकर 20 मिनट.
रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 2 सितंबर की रात 8 बजकर 48 मिनट.
रोहिणी नक्षत्र समाप्त: 3 सितंबर की रात 8 बजकर 5 मिनट.
जन्माष्टमी 2018: आखिर किस दिन है जन्माष्टमी? जानिए सही तारीख, शुभ मुहूर्त और महत्व
निशीथ काल पूजन का समय: 2 सितंबर 2018 को रात 11 बजकर 57 मिनट से रात 12 बजकर 48 मिनट तक.
व्रत का पारण: 3 सितंबर की रात 8 बजकर 05 मिनट के बाद.
वैष्णव कृष्ण जन्माष्टमी 3 सितंबर को है और व्रत का पारण अगले दिन यानी कि 4 सितंबर को सूर्योदय से पहले 6:13 पर होगा.
जन्माष्टमी (Janmashtami) का व्रत कैसे रखें?
- जो भक्त जन्माष्टमी का व्रत रखना चाहते हैं उन्हें एक दिन पहले केवल एक समय का भोजन करना चाहिए.
- जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें.
- इसके बाद माता देवकी के लिए सूतिका गृह बनाएं.
- इस सूतिका गृह में माता देवकी समेत बाल गोपाल की मूर्ति स्थापित करें और पूजा करें.
- सारा दिन उपवास रखें. इस व्रत में आप दिन में पानी, फल और दूध ले सकते हैं.
- इसके बाद आधी रात को विधिपूर्वक पूजा करें.
Happy Janmashtami: कृष्ण भक्तों को खुश कर देंगे जन्माष्टमी के ये खास मैसेजेस
- जन्माष्टमी की पूजा का समय 2 सितंबर 2018 की रात 11 बजकर 57 मिनट से रात 12 बजकर 48 मिनट तक है.
- अगले दिन यानी कि 3 सितंबर को अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के खत्म के बाद व्रत का पारण करें.
जन्माष्टमी (Janmashtami 2018) की तिथि और शुभ मुहूर्त
इस बार अष्टमी 2 सितंबर की रात 08:47 पर लगेगी और 3 तारीख की शाम 07:20 पर खत्म हो जाएगी.
अष्टमी तिथि प्रारंभ: 2 सितंबर 2018 को रात 08 बजकर 47 मिनट.
अष्टमी तिथि समाप्त: 3 सितंबर 2018 को शाम 07 बजकर 20 मिनट.
रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 2 सितंबर की रात 8 बजकर 48 मिनट.
रोहिणी नक्षत्र समाप्त: 3 सितंबर की रात 8 बजकर 5 मिनट.
जन्माष्टमी 2018: आखिर किस दिन है जन्माष्टमी? जानिए सही तारीख, शुभ मुहूर्त और महत्व
निशीथ काल पूजन का समय: 2 सितंबर 2018 को रात 11 बजकर 57 मिनट से रात 12 बजकर 48 मिनट तक.
व्रत का पारण: 3 सितंबर की रात 8 बजकर 05 मिनट के बाद.
वैष्णव कृष्ण जन्माष्टमी 3 सितंबर को है और व्रत का पारण अगले दिन यानी कि 4 सितंबर को सूर्योदय से पहले 6:13 पर होगा.
जन्माष्टमी (Janmashtami) का व्रत कैसे रखें?
- जो भक्त जन्माष्टमी का व्रत रखना चाहते हैं उन्हें एक दिन पहले केवल एक समय का भोजन करना चाहिए.
- जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें.
- इसके बाद माता देवकी के लिए सूतिका गृह बनाएं.
- इस सूतिका गृह में माता देवकी समेत बाल गोपाल की मूर्ति स्थापित करें और पूजा करें.
- सारा दिन उपवास रखें. इस व्रत में आप दिन में पानी, फल और दूध ले सकते हैं.
- इसके बाद आधी रात को विधिपूर्वक पूजा करें.
Happy Janmashtami: कृष्ण भक्तों को खुश कर देंगे जन्माष्टमी के ये खास मैसेजेस
- जन्माष्टमी की पूजा का समय 2 सितंबर 2018 की रात 11 बजकर 57 मिनट से रात 12 बजकर 48 मिनट तक है.
- अगले दिन यानी कि 3 सितंबर को अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के खत्म के बाद व्रत का पारण करें.
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