Kartik Month Puja 2021: हिंदू पुराण (Hindu Purana) की मान्यता मुताबिक हर माह की अपनी अलग खूबी होती है. परंतु कार्तिक मास (Kartik Month) की महिमा अपने आप विशेष है. हिंदू पंचाग के अनुसार (Hindu Calander) का आठवां महीना कार्तिक माह का है. इस साल कार्तिक माह की शुरुआत आज से यानि 21 अक्टूबर 2021 से (Kartik Month Starts From 21 October) हो रही है, जो कि 19 नंवबर तक चलेगी. स्कंद पुराण (Iskand Puarana) में कार्तिक मास के महत्व को बहुत ही विस्तार से बताया गया है. उसके अनुसार कार्तिक के समान कोई माहीना नहीं है और सतयुग के समान अब तक कोई युग नहीं है. इतना ही नहीं, स्कंद पुराण में ये भी कहा गया है कि वेद के समान अब तक कोई शास्त्र नहीं और गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं बना. इस महीने की महत्वता बहुत है. कहते हैं कि इस मास को रोगनाशक मास भी कहा गया है. वहीं, कार्तिक मास को सद्बुद्धि, लक्ष्मी और मुक्ति प्राप्त कराने वाला माह भी कहा जाता है. इस महीने में पूजा-पाठ (Kartik Month Puja Path) का अपना विशेष महत्व है. इस माह में किया गया पूजा-पाठ पापों से तो मुक्त करता ही है और मुक्ति के मार्ग पर भी ले जाता है. जानें इस महीने में क्या कार्य करने से पुण्य मिलता है. आइए जानते हैं.
इस मुहूर्त में करें स्नान
मान्यता के अनुसार कार्तिक महीने में किसी पवित्र नदी यमुना नदी में ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करना बहुत फलदायक होता है. इस स्नान का अपना विशेष महत्व है. इस पुण्यदायी मास में महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लेती हैं. कहते हैं कि यह स्नान कुंवारी या शादीशुदा महिलाएं दोनों ही रख सकती हैं. ये दोनों के लिए शुभकारी माना गया है. ग्रंथों में ये भी कहा गया है कि अगर आप नदी के जल में स्नान करने में असमर्थ हैं तो नहाने के पानी में किसी पवित्र नदी का जल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं. वहीं कार्तिक मास में तुलसी की आराधना का अपना विशेष महत्व है. वहीं आयुर्वेद में तुलसी को रोगहर भी कहा गया है.
इनका करें दान
कार्तिक मास में कुछ चीजों के दान का विशेष बहुत महत्व है. मान्यता के अनुसार कहते हैं कि पूरे महीने किसी ब्राह्मण या फिर जरूरतमंद को दान देने से बहुत पुण्य फल मिलता है. इस महीने में तुलसी दान, अन्न दान, गाय दान और आंवले का पौधा दान करने का अपना विशेष महत्व है.
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