सोमनाथेश्वर मंदिर का गर्भगृह (फोटो साभार: आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया)
नयी दिल्ली:
आईटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इन्फोसिस की कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी यूनिट 'इन्फोसिस फाउंडेशन’ ने कर्नाटक स्थित सोमनाथेश्वर मंदिर परिसर के पुरातात्विक स्वरूप को कायम करने के लिए 4.5 करोड़ रपये का अनुदान दिया है। यह मंदिर 1,400 साल से अधिक पुराना है और हुबली से 40 किलोमीटर दूर कोलार क्षेत्र के लक्ष्मेश्वर में स्थित है।
’इन्फोसिस फाउंडेशन’ से जारी एक बयान में कहा गया है कि इन्फोसिस फाउंडेशन ने मंदिर के पुरातात्विक और सांस्कृतिक स्वरूप को बहाल करने के लिए 4.5 करोड़ रपये का अनुदान दिया है। कला एवं संस्कृति के कार्यक्रमों को समर्थन के मौजूदा प्रयासों के तहत इन्फोसिस फाउंडेशन ने 2012 में कन्जर्वेशन ऑफ हेरिटेज एंड रूरल एजुकेशन के साथ सोमनाथेश्वर मंदिर के संरक्षण के लिए सहमति ज्ञापन किया था।
----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- -----
यह भी पढ़ें : यहां बनकर तैयार है रामायण में वर्णित जटायु की याद में नेचर पार्क, 2016 में ओपनिंग
----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- -----
उल्लेखनीय है कि सोमनाथेश्वर मंदिर कर्नाटक के कोलार क्षेत्र में स्थित है, जहां से भारत का सर्वाधिक सोना प्राप्त किया जाता है। द्रविड़ शैली में बना यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
इस मंदिर का निर्माण विजयनगर के शासन के दौरान चौदहवीं सदी में हुआ था। वर्तमान में यह मंदिर भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया - ए.एस.आई.) के संरक्षण में है। ए.एस.आई. ने इसे राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया हुआ है।
’इन्फोसिस फाउंडेशन’ से जारी एक बयान में कहा गया है कि इन्फोसिस फाउंडेशन ने मंदिर के पुरातात्विक और सांस्कृतिक स्वरूप को बहाल करने के लिए 4.5 करोड़ रपये का अनुदान दिया है। कला एवं संस्कृति के कार्यक्रमों को समर्थन के मौजूदा प्रयासों के तहत इन्फोसिस फाउंडेशन ने 2012 में कन्जर्वेशन ऑफ हेरिटेज एंड रूरल एजुकेशन के साथ सोमनाथेश्वर मंदिर के संरक्षण के लिए सहमति ज्ञापन किया था।
----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- -----
यह भी पढ़ें : यहां बनकर तैयार है रामायण में वर्णित जटायु की याद में नेचर पार्क, 2016 में ओपनिंग
----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- -----
उल्लेखनीय है कि सोमनाथेश्वर मंदिर कर्नाटक के कोलार क्षेत्र में स्थित है, जहां से भारत का सर्वाधिक सोना प्राप्त किया जाता है। द्रविड़ शैली में बना यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
इस मंदिर का निर्माण विजयनगर के शासन के दौरान चौदहवीं सदी में हुआ था। वर्तमान में यह मंदिर भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया - ए.एस.आई.) के संरक्षण में है। ए.एस.आई. ने इसे राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया हुआ है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
पुरातात्विक संरक्षण, सोमनाथेश्वर मंदिर, इन्फोसिस, इन्फोसिस फाउंडेशन, कोलार, मंदिर, भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण, ए.एस.आई, Archaeological Protection, Somanatheswara Temple, Infosys, Infosys Foundation, Kolar, Mandir, Temple, Archaeological Survey Of India, ASI