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This Article is From Jan 02, 2018

जानिए कौन था हनुमान का पुत्र, कैसे हुई उससे मुलाकात

हनुमान जी की पसीने की एक बूंद पानी में टपकी और उस बूंद को मछली ने पी लिया. उसी पसीने की बूंद से मछली गर्भवती हो गई और उससे उसे एक पुत्र उत्पन्न हुआ, जिसका नाम पड़ा मकरध्वज. 

जानिए कौन था हनुमान का पुत्र, कैसे हुई उससे मुलाकात
हनुमान
नई दिल्ली: सभी यह जानते हैं कि हनुमान जी ने अपना पूरा जीवन भगवान राम की सेवा में बिताया. हर कदम पर उनके रक्षक बने रहे. उन्होंने भगवान राम की सेवा के लिए पूरा जीवन ब्रह्मचर्य का पालन किया और कभी भी पारिवारिक जीवन में नहीं पड़ें. लेकिन क्या आपको मालूम है कि हनुमान जी का एक पुत्र भी था, जिसका नाम था मकरध्वज. 
 
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हनुमान जी का यह बेटा किसी स्त्री से नहीं बल्कि एक मछली से हुआ. प्रचलित कथा के अनुसार रावण ने हनुमान जी की पूंछ में आग लगाई और अपनी पूंछ से हनुमान से पूरी लंका जला दी. लंका जलाने के बाद वह पूंछ में लगी आग को बुझाने समुद्र में उतरे. उसी समय उनके पसीने की एक बूंद पानी में टपकी और उस बूंद को मछली ने पी लिया. उसी पसीने की बूंद से वह मछली गर्भवती हो गई और उससे उसे एक पुत्र उत्पन्न हुआ, जिसका नाम पड़ा मकरध्वज. 

हनुमान और मकरध्वज की मुलाकात एक युद्ध के दौरान हुई. जब अहिरावण श्रीराम और लक्ष्मण को देवी के समक्ष बलि चढ़ाने के लिए पाताल ले गए थे तब उन्हें मुक्त कराने के लिए हनुमान पाताल लोक पहुंचे और वहां उनकी भेंट मकरध्वज से हुई. यहां मकरध्वज ने अपनी पूरी कथा हनुमान को सुनाई. हनुमानजी ने अहिरावण का वध कर श्रीराम और लक्ष्मण को मुक्त कराया और मकरध्वज को पाताल लोक का अधिपति नियुक्त कर वहां से चले गए. 

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